Wednesday, May 1, 2024
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Jan Saamna Office

मुसीबतों का मारा मिडल क्लास

“शानों शौकत वाली मिल जाए उसे ज़िंदगी कहते है, दौड़धूप की मारी उम्र कटे उसे नासाज़गी कहते है”
पर हर परिस्थिति का सामना करते जो ज़िंदादिली से जिए उसे मिडल क्लास परिवार कहते है। मिडल क्लास यानी मध्यम वर्गीय परिवार जो ताउम्र मुसीबतों का मारा ही रहता है, ज़िंदगी जिसे छोड़ देती है दो पाटन के बीच पिसने के लिए। न वो अमीर की श्रेणी में आता है न गरीब कहलाता है, न वो आरक्षण का हकदार होता है न बड़ी लाॅन लेने की हैसियत रखता है।

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कोरोना से मुक्ति को द्वादश ज्योतिर्लिंग और शक्ति पीठों की यात्रा पर शंकराचार्य अधोक्षजानंद

पूर्वोत्तर की दस दिवसीय यात्रा सम्पन्न कर पहुंचे तीर्थराज प्रयाग
माघ मेले में 15 दिन की होगी विशेष आराधना
इससे पहले गुजरात, मप्र, महाराष्ट्र आध्रप्रदेश और तमिलनाडु की यात्रा कर वहां के ज्योतिर्लिंगों का किए अभिषेक
प्रयागराज। देश और दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने के लिए पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अधोक्षजानंद देव तीर्थ जी महाराज पिछले कई माह से द्वादश ज्योतिर्लिंगों एवं देश भर के शक्ति पीठों में विशेष आराधना का अनुष्ठान कर रहे हैं। इसी क्रम में पूर्वोत्तर भारत की दस दिवसीय यात्रा सम्पन्न कर तीर्थराज प्रयाग में चल रहे माघ मेले में आज वह पहुंचे हैं।

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Police की रडार से क्यों बच निकलते हैं सचिवालय के पास लगे हुए फर्जी वाहन

SP का आदेश हर वाहन को सख्ती से चेक किया जाए
रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। आप ने शहर में आते जाते सैकड़ो वाहनों पर सचिवालय पास लगा देखा होगा। यही नही ऐसे वाहनो के शीशे काली फिल्मों से लैस भी होते है। यहाँ तक कि पुलिस भी ऐसे वाहनों को चेक करने से पीछे हट जाती है जबकि आज कल ऐसे लगे पास वाहनों पर भूमाफिया, रसूखदार, नेताओ के खास बताकर उस पास को लगाकर गांवों से लेकर शहर तक प्रॉपर्टी विजनेस, फर्जी नौकरियां सहित अन्य कामों में भोले भाले लोगो को अपना शिकार बना लेते है।

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टोल प्लाजा पर अव्यवस्थित तरीके से रखे गए पत्थर में टकराने से दुर्घटनाग्रस्त हुआ वाहन

एनएचआई के अधिकारी ही बताएंगे, आवागमन के मार्ग में अवरोधक पत्थर रखना कितना जायज – जीएम असद
इटौरा बुजुर्ग टोल प्लाजा पर मार्ग में मनमाने तरीके से रखे गए अवरोधक पत्थर
रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। देखा जाए तो नियमतः कहीं भी स्पीड ब्रेकर बनाने का या फिर मार्ग में अवरोधक पत्थर रखने का नियम नहीं है। बेहद जरूरी होने पर पहले यह मामला जिला यातायात सुरक्षा समिति के पास जाता है और उसके बाद ही निश्चित मापदंड के अनुरूप ब्रेकर बनवाए जाते हैं। वर्तमान में जहां भी सड़कें बनती हैं, वहां दबावपूर्वक कुछ लोग स्पीड ब्रेकर बनवा लेते हैं जो कि जानलेवा साबित होता हैं। इसके साथ ही यदि एनएचआई भी यदि कहीं पर ब्रेकर या अवरोधक पत्थर रखता है तो उसके लिए भी निश्चित मापदंड और नक्शा पास होता है मनमाने तरीके से कहीं भी अवरोध उत्पन्न करना ठीक नहीं है।

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सोशल मीडिया का मंच बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है

फेसबुक, इंस्टाग्राम पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले सौ बार सोचिए की जो आप पोस्ट करने जा रहे हो ये मुद्दा किसी विवाद को जन्म देने वाला तो नहीं। क्यूँकि इंसान की मानसिकता इतनी हद तक निम्न स्तर की और विकृत होती जा रही है की छोटी-छोटी बात पर गुस्सा, दंगल और खून खराबा मानों सहज सी बात हो गई है। सोशल मीडिया उसका बहुत बड़ा ज़िम्मेदार है। लोगों को लगता है ड़ाल दो कुछ भी, कौन सा फोन से निकलकर कोई हमारा कुछ बिगाड़ने वाला है। खासकर धर्मांधता ने लोगों के दिमाग को सड़ा हुआ बना दिया है। एक दूसरे के धर्म पर किचड़ उछालते पोस्ट पर ही जंग छिड़ जाती है।

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Kanpur बस चालक पर गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज

Kanpur: रविवार देर रात टाटमिल चौराहे पर अनियंत्रित हुई इलेक्ट्रॉनिक बस के चालक के खिलाफ थाना रेलबाजार में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। घटना के थोड़ी देर बाद ही चालक को गिरफ्तार कर पुलिस पूछताछ व अन्य विधिक कार्रवाई कर रही है। घटना के बाद चालक सतेंद्र सिंह यादव निवासी गजनेर जनपद कानपुर देहात झकरकटी बस अड्डे में जाकर छिप गया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। रात को ही घायलों के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने धारा 279, 337, 338 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। इसके बाद सोमवार सुबह मृतकों के परिजनों की तहरीर पर थाना रेलबाजार पुलिस ने इन धाराओं को 302 भादवि में परिवर्तित कर दिया है। पुलिस घटना के सम्बंध में आरोपी चालक से पूछताछ करते हुए विधिक कार्रवाई कर रही है।

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पुलिस कमिश्नरेट के 33वें रक्तदान शिविर में लोगों ने किया रक्तदान

कानपुर नगर पुलिस कमिश्ननरेट के 34 रक्तदान शिविर के संकल्प से थाना बादशाहीनाका में लगा 33वां रक्तदान शिविर
कानपुर कमिश्नरेट का लगातार 33वां रक्तदान शिविर आयोजित किया गया
Kanpur: थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए कानपुर नगर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा की गई रक्तदान पहल में लगातार 33वां जैन हेल्थ केयर सेंटर थाना बादशाहीनाका में आयोजित किया गया।
कानपुर नगर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा लगातार आयोजित इस रक्तदान शिविर में अधिक से अधिक लोगो ने प्रतिभाग किया जिसमे कुल 17 लोगों के द्वारा हैलेट ब्लड बैंक की कुशल टीम के नेतृत्व में रक्तदान किया गया।

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नियति का न्याय

कभी-कभी हम न चाहते हुए भी किसी पर अंधा विश्वास कर जाते है। वैसे तो बढ़े-बूढ़े यानि बुजुर्ग कह गए है की हर कदम फूँक-फूँक कर रखना चाहिए, पर राम तो अपनी बेटी के विवाह के समय अपने मित्र पर अंधा विश्वास कर गया। बेटी का विवाह हो गया, पर कुछ समय पश्चात ही परिवार की संकीर्ण सोच उमा पर हावी होने लग गई। उमा सदैव ही माता-पिता के प्रति समर्पित लड़की थी। तलाक जैसे शब्द तो उसके शब्दकोष में थे ही नहीं। उमा उस परिवार में स्वयं को असहाय महसूस करने लगी, पिता के प्यार के कारण वापस घर आना भी उसे स्वीकार नहीं था। अतः अंतिम निर्णय उसने स्वयं को समाप्त करना चुना।

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सोशल मीडिया का सही उपयोग हो

हम में से कितने लोग सोशल मीडिया से कुछ अच्छी बातें सीखते है? या सोशल मीडिया का उपयोग नीतिमत्ता से करते है, शायद बहुत कम। ज़्यादातर ये मंच झूठी तारीफ़, झगड़े, दुष्प्रचार और किसी को नीचा दिखाने के लिए ही उपयोग होता है।
सोशल मीडिया का गलत तरीके से उपयोग करते कुछ लोग अफ़वाहें और झूठी खबरें फैलाकर धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश करते है। भ्रामक और नकारात्मक जानकारी साझा करते है जिससे जनमानस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। और कई बार तो बात इतनी बढ़ जाती है कि सरकार सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल करने वालों पर सख्त हो जाती है।

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माँ

बहुत ही पुरानी बात हैं,जब गावों में बिजली नहीं होती थी,मकान कच्चे होते थे,रसोई में चूल्हे पर खाना बनता था और सुख सुविधा के नाम पर एक चार पाई बिछी रहती थी। साल में एक ही बार दर्जी घर में आके पूरे साल के कपड़े सील जाता था।
ऐसी सादगी की जिंदगी हुआ करती थी। उन्ही दिनों की बात हैं,एक गांव में मास्टरजी अपने छ: बच्चे और बीमार पत्नी के साथ रहते थे। एक कमरा, रसोई घर और बड़ा सा औंसारा ये था उनका कच्चा सा घर। पढ़ाने जाने से पहले खाना बना के जाते थे और घर के बाकि के काम वह बच्चों की मदद से कर लिया करते थे। वैसे बहुत मुश्किल था ऐसी गृहस्थी निभाना पर निभ रही थी जैसे तैसे।

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