श्वेता श्रीवास्तव
दुनिया में तहलका मचाने के बाद ‘सराहा’ एप को भारत में भी सराहा जा रहा है, इन दिनों इंटरनेट की दुनिया में सराहा नामक एप ने तहलका मचा रखा है। यह एक ऐसा एप है जिसमें कोई भी व्यक्ति दूसरे के प्रति ईमानदारी से अपने विचार व्यक्त कर सकता है-चाहे अच्छा चाहे बुरा। सऊदी अरब के प्रोग्रामर, जैन-अल-अबिदिन तौफीक ने इस एप को विकसित कर दावा किया है कि इस साइट को 270 मिलियन से ज्यादा लोगों ने देखा है और कुछ हफ्तों में ही एप के 20 मिलियन यूजर हो गये हैं। यह तेजी से वाइरल हो रहा है, एप यूजर अपने मोबाइल से किसी भी यूजर को स्वतंत्र होकर अपने विचार लिखकर व्यक्त कर सकते हैं,जो कि उनके मोबाइल में तुरंत पहुंच जाएगा मगर कहानी में ट्विस्ट ये होगा कि संदेश तो मिलेगा लेकिन संदेश भेजने वाले का नाम का संस्पेस बरकरार रहेगा,जो कि आपके दिमाग में खलबली पैदा करेगा कि आखिर किसने मुझे ऐस कहा और क्यों…….हालांकि लोगों के बीच में ये एक खेल के तौर पर शुरू हुई एप है जो कि चंद दिनों में ही उनके दिमाग पर हावी हो गई है और लोग ‘साराहा’ को सराहने लगे हैं…….हालांकि अगर बात की जाए प्राइवेसी की तो उसमें सराहा को 100 में से 100 नंबर मिलते हैं जिसके चलते हो सकता है ये फेसबुक और व्हाट्सएप की लोकप्रयिता को जल्द ही पछाड़ दे….मगर यूथ के बीच इस नए खेल की पॉपुलैरिटी और उक्सुकता साफ दिखने लगी है………..।
‘सराहा’ एक अरेबिक शब्द है जिसका अर्थ ‘ईमानदारी’ होता है। इसकी शुरूआत कार्यक्षेत्र फीडबैक टूल के रूप में हुई थी लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने इसे ‘‘कन्फेशन’’ के लिए प्रयोग करना शुरू कर दिया।
शिक्षा
असेंट स्कूल में नशे के खिलाफ अभियान
कानपुर, जन सामना संवाददाता। घाटमपुर कस्बे के जहानाबाद रोड स्थित असेंट पब्लिक स्कूल में शनिवार को सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए चल रहे महा अभियान के तहत समाज में व्याप्त विभिन्न सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध जन जागरूकता हेतु तंबाकू हटाओ स्वास्थ्य जीवन शैली अपनाओ महा शपथ के सफल आयोजन के तहत निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र छात्राओं ने निबंध लेखन द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पालीथीन का प्रयोग बंद करें। जंक फूड तंबाकू आदि पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर विद्यालय प्रबंधक संदीप वर्मा निदेशक मुकेश कुमार माथुर प्रधानाचार्य दीपक कुमार निगम उप प्रधानाचार्य पूजा तिवारी ने बच्चों का मार्गदर्शन किय।
जिला स्तरीय परीक्षा के लिए 30 छात्र चयनित
घाटमपुर, कानपुर, शीराजी। जिलाधिकारी के निर्देशन पर स्थानीय बीआरसी कार्यालय में ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें स्वतंत्रता संग्राम वर्ष 1857 से 1945 तक के इतिहास पर प्रश्न किए गए जिसमें उच्चतर प्राथमिक विद्यालय कुरसेड़ा बीरबल अकबरपुर किरांग किरार गुजेला सरगांव से आए साढ़ छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया। आगामी जिले में संपन्न होने वाली परीक्षा के लिए 30 छात्र-छात्राओं अपना स्थान सुरक्षित कर लिया। रागिनी कक्षा 6 की छात्रा ने 20 में 19 अंक प्राप्त किए कक्षा 8 के छात्र प्रियांशु ने 18 अंक रवि कुमार कक्षा 8 ने 18 अंक प्राप्त किए।
कजली महोत्सव में संस्कृति सिंह को किया गया सम्मानित
मीरजापुर, जन सामना संवाददाता। संस्कार भारती एवं लायन्स क्लब मीरजापुर के संयुक्त तत्वावधान में लालडिग्गी स्थित लायन्स स्कूल के सभागार में कजली महोत्सव 2017 का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार सच्चिदानन्द सिंह की बेटी संस्कृति सिंह को क्लब के सदस्यों द्वारा सम्मानित किया गया।
इस मौके पर संस्कार भारती के अध्यक्ष राजपति ओझा, कजली महोत्सव के संरक्षक विश्वनाथ अग्रवाल, संयोजक गणेश प्रसाद अवस्थी, लायन्स क्लब के अध्यक्ष ला. संगीता अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति माजूद रहे।
शिक्षा का गिरता स्तर
शिक्षा का स्तर सुधारने में सरकारें असफल होती रहीं नतीजन लगभग सभी प्राथमिक विद्यालय सिर्फ नाम के विद्यालय रह गए। यह कहने में जरा भी संकोच नहीं रहा कि सरकारी शिक्षालय हमारे बच्चों को मजदूर जरूर बना रहे हैं और जिनसे आशा है कुछ वो हैं निजी शिक्षण संस्थान, जो शिक्षा को खुलेआम बेंच रहे हैं और सरकारें शिक्षा की बिक्री को रोकने में असहाय दिख रहीं हैं। शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने की बात तो मोदी सरकार कर रही है लेकिन कोई ठोस कदम उठाने में लाचार दिख रही है और स्पष्ट नहीं दिख रहा नजरिया इस ओर।
एक तरफ बच्चों को भविष्य का निर्माता कहा जाता है। लेकिन उनके साथ दुराभाव भी सरकार द्वारा ही किया जाता है। एक तरफ सभी सरकारें अच्छी शिक्षा दिलाने की वकालत करती है लेकिन शिक्षा के प्रति किसी भी सरकार का नजरिया स्पष्ट नहीं है।
आईआईटी जेईई एडवांस में आल इंडिया रैंक प्राप्त कर नाम रोशन किया
आईआईटी जेईई एडवांस 2017 में अभिषेक दत्त आईआईटी गोहाटी में इंजीनियरिंग फिजिक्स शाखा में लिया प्रवेश
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जनपद के सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार के भतीजे अभिषेक दत्त कुक्की पुत्र इं. रविदत्त व डा. गायत्री दत्त ने आईआईटी जेईई एडवांस में श्रेष्ठ अंक पाये है। आल इंडिया रैंक 1498 प्राप्त कर नाम रोशन किया है। पिता रविदत्त और उनके सुपुत्र अभिषेक दत्त ने इस परीक्षा में सफलता पाने का श्रेय अपने दादा प्रागदत्त व सांसद प्रत्याशी दादी स्व. गायत्री देवी, चाचा इ. रविदत्त, ताई सीएमएस डा. रेखा रानी व ताई डा. उमा, ताऊ डा. विनोद कुमार, बुआ डा. इन्द्राराजेश व फूफा डा. सुरेश व छोटी बहन लिपाक्षी दत्त, अध्यापकजनों को देने के साथ ही महामानव भगवान गौतम बुद्ध, संविधानशिल्पी डा. भीमराव अम्बेडकर, बुद्धप्रिय अशोक, कबीरदास जी, काशीराम जी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, अखिलेश यादव, पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम, वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आदि को भी अपना आदर्श माना है।
विश्वविद्यालय का परीक्षा नियंत्रक नहीं मानता हाईकोर्ट का आदेश!
सीएसजेएमयू के परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर यादव को हाईकोर्ट के परमादेश से मतलब नहीं!
स्क्रूटनी विभाग के अनिल अवस्थी के बोल हाईकोर्ट से ही करा लो मूल्यांकन, वहीं से लो मार्कशीट
पंकज कुमार सिंह-
कानपुर। सीएसजेएमयू के नौकरशाहों की हिमाकत तो देखिए कि उच्च न्यायलय के आदेष को मानने से इंकार तक कर बैठते है। यह मामला कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) का है। जहां परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर यादव को हाईकोर्ट का आदेश कोई मायने नहीं रखता। वहीं स्क्रूटनी विभाग के अनिल अवस्थी का कहना है कि हाईकोर्ट का परमादेश है तो हाईकोर्ट से ही कराओ।
मामला कानपुर देहात रनियां के निकट करसा रामपुर निवासी राज कुमार का है। राजकुमार ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2015 में सीएसजेएम विश्वविद्यालय से प्राईवेट तौर पर एमए की परीक्षा दी थी। जिसके परिणाम में नम्बर कम आने की वजह से उन्होंने एक विशय का बैक पेपर परीक्षा दी थी। राजकुमार ने बताया कि जब बैक पेपर का रिजल्ट आया तो उनके नम्बर कम आए थे जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने स्क्रूटनी कराई।
एनएसडीसी के खेल में कौशल विकास योजना बनी मखौल
प्रशिक्षण केन्द्रों को मिल गया एक्रिडिएशन, पर एनएसडीसी ने नहीं दिए टारगेट
एनएसडीसी के खेल में लाखों का खर्चा कर केन्द्र संस्थापकों पर पड़ी आर्थिक मार
पंकज कुमार सिंह
कानपुर। युवाओं में कौशल विकास कर रोजगार की ओर उन्मुख करने की दिशा में केन्द्र सरकार की योजना लचर पड़ती जा रही है। केन्द्र सरकार के नेशनल स्किल डवलेपमेंट काॅर्पोरेशन (एनएसडीसी) द्वारा प्रशिक्षण केन्द्रों को मान्यता तो दे दी गई है परन्तु प्रशिक्षण के लिए टारगेट अलाॅट नहीं किए गए हैं। ऐसे में प्रशिक्षण केन्द्र संस्थापक लाखों रूपए खर्च के साथ केन्द्र स्थापित कर आर्थिक मार झेलने को मजबूर हैं।
शहर के कई इलाकों में सैकड़ा पार कर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के केन्द्र खुले हैं। इन केन्द्रों की स्थापना करने वाली संस्थाओं ने एनएसडीसी को 13018 रूपए पंजीकरण फीस व मोनीटरिंग व एफीलेशन फीस 14092 रूपए इसके अतिरिक्त कोर्स आदि के लिए अतिरिक्त फीस देकर एनएसडीसी द्वारा एक्रिडिएशन (मान्यता) प्राप्त किया है। एनएसडीसी को हजारों रूपए फीस के रूप में दिए गए लेकिन एक्रिडिएशन प्रमाण पत्र मिल जाने के महीनों बीत जाने के बाद भी कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण हेतु एनएसडीसी टारगेट एलाॅट नहीं कर रहा है। एनएसडीसी के खेल में फंसे केन्द्रों को टारगेट न मिल पाने से केन्द्र संस्थापक हजारों रूपए महीना खर्चा झेलने को मजबूर हैं।
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग
हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सीबीएसई बोर्ड से संचालित प्राइवेट स्कूलों द्वारा प्रति वर्ष फीस वृद्धि के नाम पर मनमानी व अभिभावकों का उत्पीडन किये जाने के खिलाफ आज अभिभावकों द्वारा एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग की।
अभिभावकों ने ज्ञापन में कहा है कि प्राइवेट स्कूलों में बिल्ंडग फीस, ट्यूशन फीस, मासिक फीस के अलावा एक मुश्त एडमीशन फीस आदि के नाम पर मोटी रकम वसूल की जा रही है साथ ही अभिभावकों को इनके द्वारा नियुक्त दुकानदारों से ही कापी-किताबें खरीदने को बाध्य करते हैं तथा प्रति वर्ष पुस्तकों में मामूली फेरबदल कर नई किताबें खरीदने को मजबूर करते हैं जिससे अभिभावकों पर भारी बोझ पड रहा है।
शिक्षा के लिए चलाया जागरूकता अभियान
सरकारी अध्यापकों पर लगाये गए आरोप
बताया गया सरकारी सुविधाएं नही मिल रहीं
कानपुर, जन सामना संवाददाता। छावनी में मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण आर्गनाईजशन के पदाधिकारियों द्वारा (गोलाघाट) गोलाघाट नई बस्ती (संजय नगर खलवा) संजय नगर खलवा रेलवे लाईन 72 न० बंगला एवं समस्त छावनी निवासियों को शिक्षा के लिए जागरूक करने हेतु अभियान चलाया गया। संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री तपन अग्निहोत्री के नेत्रत्व में छावनी मीडिया प्रभारी जितेन्द्र बाल्मीक द्वारा गरीब, निर्धन बच्चों की शिक्षा के लिए बस्तियों में एक-एक घर जाकर निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जानकारी मिली कि वहाँ पर जो बच्चे स्कूल पढ़ने जाते हैं। भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे सर्व शिक्षा अभियान के तहत जो सुविधा मिलनी चाहिए। वहाँ पर वह सुविधा पढ़ने वाले बच्चों को नहीं मिल पा रही है। जैसे स्कूली ड्रेस, कापी, किताबें, मिड डे मील के नाम पर खानापूर्ति जरुर हो रही है। बच्चों को खाना आदि सुचारू रुप से नहीं मिल पा रहा है। बच्चों द्वारा यह भी जानकारी मिली कि बच्चें अपने घर से ही टिफिन बांधकर स्वयं लेकर आते हैं। छावनी निवासियों ने संस्था के पदाधिकारियों को जानकारी दी कि बच्चे पढ़ना चाहते हैं, और सरकार से मिलने वाली सुविधा से उच्च शिक्षा ग्रहण करना भी चाहते है। परन्तु इन सुविधाओं का लाभ न मिलने के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते है। जानकारी मिलने से रोशनी गुप्ता व अन्य लड़कियां जो 12वीं की छात्रा है। उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई निर्धनता के कारण न कर पाने की भी जानकारी दी। जिस पर मानवाधिकार के पदाधिकारी राष्ट्रीय महामंत्री तपन अग्निहोत्री, कानपुर प्रभारी विनोद वर्मा ने आश्वासन दिया कि इन छात्रों को 12वीं पास हो जाने के बाद आगे की पढ़ाई का खर्च संस्था उठायेगी।