Sunday, June 8, 2025
Breaking News
Home » लेख/विचार (page 64)

लेख/विचार

टिट फॉर टैट यानी ‘आंख के बदले आंख’ यह सिर्फ डोभाल जी की अदा है!

हमारे पड़ोसी देश चीन व पाकिस्तान के क्षेत्र में उनकी खासी भूमिका रही है। वे खुद पाकिस्तान में कई वर्ष बतौर जासूस बन कर रहे हैं और अहम खबरें भारत तक लाए हैं। तथा हाल ही में 2019 में जम्मू कश्मीर में जब अनुच्छेद 370 व 35 ए हटा तो वहां शांति बनाने के लिए पहुंच गए। 2017 में चीन को डोकलाम विवाद में भारत की सीमा में घुसपैठ करते चीन को पीछे किया व इस वर्ष भी गलवान घाटी के विवाद में अहम भूमिका निभाई वो हैं अजीत डोभाल।
डोभाल जी का मानना है, पाकिस्तान भारत से कहीं ज्यादा नाजुक है। एक बार उन्हें एहसास हो जाए। भारत ने अपना गैर रक्षात्मक मोड़ से बदल कर रक्षात्मक आक्रामक कर लिया है तो वह भारत को परेशान करने की जुर्रत नहीं करेगा। आप एक मुंबई कर सकते हैं लेकिन हो सकता है आप ब्लूचिस्तान खो दें। विशेषज्ञों का मानना है टिट फॉर टैट यानी आंख के बदले आंख यह सिर्फ डोभाल जी की अदा है। उनका ही दिमाग था पुलवामा व उरी हमलों का बदला सर्जिकल एयर स्ट्राइक्स के द्वारा। इस वर्ष शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के वर्चुअल मीटिंग से भारत की ओर से डोभाल जी उठ खड़े हुए जब पाकिस्तान ने अपने मानचित्र में पाक अधिकृत कश्मीर, लद्दाख व गुजरात राज्य का जूनागढ़ को अपना बतलाया।

Read More »

बेरोजगार दिवस क्यों..?

आखिर बेरोजगारी दिवस मनाने की जरूरत क्यों? और अब युवा वर्ग रोजगार के लिए इतना क्यों छटपटा रहा ? या यूं कह लीजिए कि सरकार अब कितना भ्रमित रखना चाहती है युवाओं को? धर्म को मुद्दा बनाकर आप कब तक इन्हें हिंदुत्व का लॉलीपॉप थमाते रहेंगे? क्या आज हमें इन स्तरहीन नेताओं, अपराधिक गतिविधियों में लिप्त और मर्यादा विहीन नेताओं से अपने धर्म और संस्कारों की परिभाषाएं जाननी और शिक्षा लेनी होगी?
सरकार की नाकामियों से क्रोधित होकर युवावर्ग अब थाली पीटकर अपना हक मांग रहा है तो सरकार चुप क्यों है? यह चुप्पी अखरती है। इस महामारी के समय में कर्मचारियों की छटनी हो रही है। व्यापारी वर्ग के हालात बुरे हो गए हैं। हालात ऐसे हैं कि हर एक दूसरा व्यापारी छोटे कर्मचारियों का शोषण करने पर आमादा है। पहले सैलरी कम देना बाद में नौकरी से ही बाहर कर देना। आखिर घर – परिवार की जिम्मेदारी लिए व्यक्ति कौन सा रोजगार अपनाये और वो भी आपदा में?

Read More »

क्या अब जय किसान का नारा सार्थक होगा !

हमारे देश का प्रसिद्ध नारा है, ‘जय जवान जय किसान’, अर्थात देश के दो महानायक माने जाते हैं, जवान और किसान। सच कहा जाए तो ये दोनों ही देश की नींव हैं और इनके दम से ही हमारे देश की इमारत सुरक्षित है। इसलिए देश की सरकार को भी इन्हें मजबूत बनाने की बहुत जरूरत है।
देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद देश से जो सबसे बड़े वादे किए थे, उनमें से एक था वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दुगुना करना। मोदी सरकार का मानना है कि यदि खेती से जुड़े कुछ कानूनों में बदलाव कर दिए जाएं तो किसानों की आमदनी दुगुनी हो सकती है। इसके लिए ये जरूरी है कि किसानों को देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने का अधिकार हो। इसे ‘एक देश एक बाजार’ के नाम से जाना जाता है। इसके लिए सरकार जो विधेयक लेकर आई है, विपक्षी दल ने उसका विरोध करते हुए इस विधेयक को किसान विरोधी बताया है, और कहा है कि इससे किसान बर्बाद हो जाएंगे और कृषि पर प्राइवेट कंपनियों का कब्जा हो जाएगा। जबकि प्रधानमंत्री ने इन विधेयकों को किसानों के लिए रक्षा कवच बताया है और किसानों को आगाह करते हुए कहा है कि जो लोग बिचौलियों का साथ दे रहे हैं उनसे किसानों को सावधान रहने की आवश्यकता है। साथ-साथ उन्होंने किसानों को उनकी उपज देश में कहीं भी किसी को भी बेचने की आजादी देना एक ऐतिहासिक कदम बताया है।

Read More »

जीवन बचाने यातायात के नियमों का पालन जरूरी

समाजवाद परिवार मैं व्यवस्था एवं आचरण बनाए रखने के लिए नियम कायदे कानून बहुत जरूरी होते हैं ठीक ऐसे ही सरकारों को व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए नियमों और कानूनों का निर्माण करना पड़ता है, ताकि व्यवस्था बनी रहे| वैसे तो कोई भी नियम कानून आम जनता की भलाई के लिए ही बनाया जाता है , जैसे हम यातायात के नियमों की बात करें सारे नियम आम जनता की भलाई के लिए बनाए गए हैं | चाहे वह वाहन चालक हो, चाहे वह पदयात्री हो , चाहे सड़क के किनारे रहने वाले लोग हो| सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी प्रजा की हर हाल में रक्षा करें वर्तमान परिवेश में सड़कों पर यातायात की भरमार देखी जा सकती है|
चाहे शहर छोटा हो या बड़ा चारों तरफ वाहनों की भागमभाग मची हुई है| इस लिहाज से यातायात के नियमों का पालन करना एवं करवाना किसी भी व्यक्ति के लिए या शासन के लिए बहुत ही आवश्यक होता है| इसके लिए शासन द्वारा किसी भी व्यक्ति को एक अनुज्ञप्ति प्रदान की जाती है|

Read More »

सूचना और शिकायत में अन्तर समझे

सूचना के माध्यम से आँकड़ो का एकत्रीकरण करके उन्हे सम्बंधित संस्था, प्राधिकारी और सरकार तक प्रेषित किया जाता है, ताकि आपके सेवारत क्षेत्र को अधिक कार्यकुशल व प्रभावी बनाया जा सके। सूचनाओं का आदान- प्रदान एक नियत व्यवस्था के तहत सम्पादित होता है। सूचनाओं के संकलन के लिये संस्था, विभाग, सरकार या अधिकारी द्वारा किसी कर्मचारी को नियत किया जाता है। जिसका कार्य अपने कार्यरत विभाग, क्षेत्र या प्रदत्त सूचनाओं का संग्रहण कर उन्हे संबंधित प्राधिकारी तक प्रेषित करना होता है। जो सूचनाये उसे अपने सहकर्मियों तथा संबंधित क्षेत्र के व्यक्तियों द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। वह सभी प्रदत्त सूचनायें सम्बंधित प्राधिकारी को तुरंत उपलब्ध करा देता है। परन्तु कुछ लोग सूचना प्रदान करने में लापरवाही करते है। विभाग या संस्था द्वारा माँगी गयी सूचना को नामित व्यक्ति तक भेजते ही नही है। कभी-कभी सूचना देने में अति विलम्ब कर देते है। जिससे विभागीय कार्यों में बांधा भी उत्पन्न होती है।

Read More »

गरीब की रोटी

दो दिन से लगातार बारिश हो रही थी आज तीसरा दिन था चारों तरफ पानी ही पानी दिख रहा था। भोलूवा के बापू बारिश रूकने की राह देख रहे थे कि बारिश रूके तो कुछ सामान लाये वो। घर में जो था वो खत्म होने को आया था। आज अगर बारिश नहीं रूकी तो खाना क्या बनाऊंगी यही सोच सोच कर बधिया परेशान हो रही थी लेकिन बारिश थमने का नाम ही नहीं ले रही थी। वैसे भी इतनी बारिश में बाहर सब्जी, किराने वाले की दुकान खुली होगी ये कहना मुश्किल है फिर भी बाहर तो जाना ही होगा नहीं तो बनाऊंगी क्या? कम से कम आटा और आलू प्याज तो लाना ही पड़ेगा। मुई इस बारिश में तो आलू प्याज भी बहुत महंगा हो गया है। क्या बचाएं क्या खाएं और कहां से जुगाड़ करें कुछ समझ में नहीं आता। यही सब बातें बधिया के दिमाग में घूम रही थी।

Read More »

राजनीति को शर्मसार करती महाराष्ट्र की घटनाएं

महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त भूचाल आया हुआ है।
जिस प्रकार से बीएमसी ने अवैध बताते हुए नोटिस देने के 24 घंटो के भीतर ही एक अभिनेत्री के दफ्तर पर बुलडोजर चलाया और अपने इस कारनामे के लिए कोर्ट में मुंह की भी खाई उससे राज्य सरकार के लिए भी एक असहज स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे बचने के लिए भले ही शिवसेना कहे कि यह बीएमसी का कार्यक्षेत्र है और सरकार का उससे कोई लेना देना नहीं है लेकिन उस दफ्तर को तोड़ने की टाइमिंग इस बयान में फिट नहीं बैठ रही। क्योंकि बीएमसी द्वारा इस कृत्य को ऐसे समय में अंजाम दिया गया है जब कुछ समय से उस अभिनेत्री और शिवसेना के एक नेता के बीच जुबानी जंग चल रही थी। लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पूरी मुंबई अवैध निर्माण अतिक्रमण और जर्जर इमारतों से त्रस्त है। अतिक्रमण की बात करें तो चाहे मुंबई के फुटपाथ हों चाहे पार्क कहाँ अतिक्रमण नहीं है?

Read More »

हिन्दी क्यों पढ़ते है

हिन्दी मात्र भाषा नही बल्कि सभी भाषाओं की धड़कन है। हिन्दी ने सभी भाषाओं को अंगीकार करके उनका मान बढ़ाया है। हिन्दी समाज को दिशा देने का कार्य करती है।
हिन्दी वैज्ञानिक भाषा है जो शरीर के विभिन्न अंगो कण्ठ, मूर्धन्य, तालव्य, ओष्ठय और दन्त आदि का प्रयोग करके बोली जाती है। जो अंगो की क्रियाशीलता के साथ उच्चारण को भी स्पष्ट बनाती है। रस और अलंकार हिन्दी को जीवन्त और भावपूर्ण बनाते है। इस भाषा की एक विशेष बात है कि इसे जैसा लिखा जाता है, वैसा पढ़ा भी जाता है।
हिन्दी भारत मे एक विषय के रूप मे पढ़ायी जाती है। जैसे कि अन्य विषय भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित और अन्य विषय आदि। जब हम किसी विषय को पढ़ते है तो उसका एक निश्चित उद्देश्य होता है। जीव विज्ञान ठीक से पढ़ लो तो डॉक्टर बन जाओगे और भौतिक विज्ञान व गणित पढ़ लो तो अभियन्ता बन जाओगे। हमें यह बताया जाता है। यह ज्वलन्त प्रश्न है और उसका उत्तर भी हमें ही खोजना है कि हिन्दी क्यों पढ़ायी जाती है?

Read More »

!! आओ हिंदी दिवस मनाएं !!

(14 सितंबर हिंदी दिवस)
जनम है हिंदी मरण है हिंदी_धर्म कर्म-व्यवहार है हिंदी,
आगत का स्वागत है हिंदी_विश्व विजय जयमाल है हिंदी।
दुख-दर्द मिटाती है हिंदी_सुख स्वप्न सजाती है हिंदी,
राम-कृष्ण की वाणी हिंदी_भारत की गौरव गाथा हिंदी ।।
चहुंओर व्याप्त दासी भाषा_दासता मुक्त कराती हिंदी,
तानाशाही-नौकरशाही_सब पर राज कराती हिंदी ।
ध्यान ज्ञान विज्ञान है हिंदी_भारत भाग्य विहान है हिंदी,
बिंदी मस्तक सदा विराजे_आशीष” गुणों की खान है हिंदी।।
अंतर्मन अंबर-अवनी हिंदी_भाषा सकल जननि हिंदी,
शब्द शक्ति भंडार है हिंदी_शब्द साधना धाम है हिंदी।
भारत का अरमान है हिंदी_ हिंदोस्ता की जान है हिंदी ,
कन्या से कश्मीर तलक _विस्तृत वितान महान है हिंदी ।।

Read More »

जिमी लाइरू जिनसे चीन की सरकार डरती है

विश्व में सुपरपावर बनने की चाह रखने वाले चीन के कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हकीकत में एक डरपोक व्यक्तित्व वाले लोग हैं। चीन की सीमा लगभग 20 अलग-अलग देशों से लगी है। इन तमाम देशों से चीन का सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। चीन की सरकार अपनी जनता से भी हमेशा डरी रहती है। अपने लोगों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए चीन की सरकार ने अपने देश में सीसीटीवी कैमरे का एक विशाल नेटवर्क स्थापित कर रखा है। चीन की विशाल जनसंख्या के हर आदमी के एक-एक मिनट की जानकारी ये कैमरे लेते रहते हैं। चीन की जनता आनी सरकार से नाराज है। चीन अपने देश के अल्पसंख्यकों उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार कर रही है और उन्हें परेशान करने के लिए कैंपों में धकेल रही है। चीन ऐसा ही व्यवहार तिब्बत की जनता के साथ भी कर रही है। तिब्बत पर कब्जा करने के बाद चीन की सरकार ने उनके धर्म और संस्कृति की रक्षा करने की बात कही थी। पर अब तिब्बत की धर्म-संस्कृति को नष्ट करने के लिए चीन की सरकार उन पर जोर-जुल्म कर रही है।
इन सभी घटनाओं में चीन का डरपोक स्वभाव साफ दिखाई दे रहा है। चीन पड़ोसियों से डर रहा है। चीन अपनी जनता से डर रहा है। हद तो तब हो गई, जब चीन हांगकांग के 73 साल के बूढ़े व्यक्ति जिमी लाइ से भी डर रहा है। जिमी लाइ एक अखबार के मालिक हैं और चीन की सरकार के अत्याचारी कारनामों के खिलाफ निर्भीकता से आवाज उठाते हैं। परिणामस्वरूप चीन की सरकार समय-समय पर उन्हें गिरफ्रतार करती रही है। परंतु जिमी लाइ चीन सरकार के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं। हकीकत यह है कि चीन की सरकार अपने सामने आंख उठाने वाले हर किसी से डर रही है और अपनी ताकत दिखा कर उसे डराने की कोशिश कर रही है। जबकि जिमी लाइ अकेले चीन की सरकार से दो-दो हाथ कर रहे हैं।
अखबार के मालिक जिमी लाइ की कहानी भी जानने लायक है। हांगकांग के उत्तर-पश्चिम मेें मेनलैंड चीन का एक शहर है ग्वानचो। इसी शहर में सन 1948 में जिमी लाइ का जन्म हुआ था। जिमी लाइ का परिवार काफी अमीर था, पर 1949 में जब चीन में कम्युनिस्टों ने सत्ता संभाली तो जिमी के परिवार की तमाम संपत्ति जब्त कर ली गई। 1960 में चीन की सरकार से त्रस्त होकर जिमी का परिवार एक नाव में सवार होकर हांगकांग भाग गया। उस समय जिमी की उम्र 12 साल थी। हांगकांग में परिवार की मदद के लिए जिमी को जहां काम मिला, वहीं मजदूरी की। कुछ दिनों बाद उन्हें एक कपड़े की फैक्ट्री में काम मिल गया।

Read More »