पवन कुमार गुप्ता: रायबरेली। एनटीपीसी की ऊंचाहार विद्युत परियोजना में आयोजित दुर्गा पूजा महोत्सव में चल रहे रामलीला तथा दुर्गा पूजा से भक्ति और साधना का ज्वार चरम पर है। जहां एक ओर दुर्गा पूजा पंडाल में हजारों नर-नारी श्रद्धालु मां का अर्चन-पूजन व दर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रामलीला का मंचन आसपास के हजारों लोगों को ना केवल मनोरंजित कर रहा है बल्कि साथ-साथ भारतीय संस्कृति का दिग्दर्शन एवं सामाजिक सद्भाव व भाईचारा को बढ़ावा दे रहा है। बच्चों के खिलौना रूपी गाड़ियों से लेकर चार पहिया वाहनों की बड़ी-बड़ी दुकानें लोगों को आकर्षित कर रही हैं। वहीं मेले में लगे झूले तथा खान-पान की दुकानों में प्रतिदिन भीड़ का समुद्र उमड़ पड़ता है। इस प्रकार एनटीपीसी का ये विशाल मेला अपनी सफलता और लोगों के कौतूहल का केंद्र बन चुका है। रामलीला में राम-सुग्रीव की मित्रता, बालि वध तथा लंका दहन का जीवंत प्रदर्शन दर्शकों को रोमांचित करके भरपूर आनंदित कर रहा है।
आकर्षक विद्युत झालरों से मेला परिसर की सजावट आम जनमानस के मनोभावों को अह्लादित कर रही है। दुर्गा पूजा समिति के सचिव के. के. सिंह ने बताया कि आज आयोजित महानवमी के महाभोग में लगभग पांच हजार श्रद्धालुओं ने प्रसाद गृहण किया।
बदलती रामलीलाः आस्था में अश्लीलता का तड़का
जब आस्था में अश्लीलता का तड़का लगा दिया जाता है तो वह न सिर्फ उपहास का कारण बन जाती है बल्कि बहुसंख्यक लोगों की भावनाएं भी आहत होती हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का चरित्र समाज को प्रेम, उदारता, सम्मान व सद्भाव का संदेश देता है। पर अफसोस, राम के चरित्र व आदर्शों को प्रस्तुत करने वाली रामलीला आज के दौर में अश्लीलता परोसने का साधन बन गई है। संपर्क साधनों का विकास, विशेष रूप से टेलीविज़न धारावाहिक, रामलीलाओं के दर्शकों में कमी का कारण बन रहा है, और इसलिए रामलीलाएँ, लोगों और समुदायों को एक साथ लाने की अपनी प्रमुख भूमिका खो रही हैं। आधुनिकता की चकाचौंध ने नई पीढ़ी को हमारी संस्कृति, सभ्यता एवं संस्कारों से अलग कर दिया है। नई पीढ़ी ने अपने आपको इंटरनेट, लैपटॉप, मोबाइल की दुनिया तक ही सीमित कर लिया है। उसे बहरी दुनिया से कोई सरोकार नहीं रह गया है। आज नई पीढ़ी हमारे परम्परागत तीज त्योहारों को भूलती जा रही है। इन लोगों को मेला,रामलीला या दूसरे सांस्कृतिक कार्यक्रम समय की बर्बादी नज़र आने लगे है। जिसके फलस्वरूप हमारे कार्यक्रमों के तौर तरीकों में परिवर्तन आये है और भावना बदली है।
-डॉ सत्यवान सौरभ
रामलीला, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘राम का नाटक’ है, रामायण महाकाव्य का एक प्रदर्शन है जिसमें दृश्यों की एक श्रृंखला में गीत, कथन, गायन और संवाद सम्मिलित होते हैं। यह पूरे उत्तर भारत में हर साल शरद ऋतु में अनुष्ठान कैलेंडर के अनुसार दशहरे के त्योहार के दौरान प्रदर्शित किया जाता है। अयोध्या, रामनगर और बनारस, वृंदावन, अल्मोड़ा, सत्तना और मधुबनी की रामलीलाएँ सबसे अधिक प्रतिनिधिक हैं। रामायण का यह मंचन देश के उत्तर में, सबसे लोकप्रिय कहानी कहने की कला वाले रूपों में से एक, रामचरितमानस, पर आधारित है।
विजयदशमी महोत्सव में मंचित हुई नौटंकी शैली की रामलीला
कानपुर। अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश ने लोकनाट्य में श्रीराम (नौटंकी उत्सव) के अन्तर्गत स्थानीय रामलीला समितियों के सहयोग से नौटंकी शैली में रामलीला का मंचन प्रारम्भ करवाकर एक अनूठी पहल शुरू की है। इसी कड़ी में बीती रात कानपुर शहर के गड़रियन पुर्वा नौबस्ता में श्री महाराणा प्रताप रामलीला समिति के विजयदशमी रामलीला महोत्सव में दीपांजलि समाजोत्थान समिति कानपुर द्वारा नौटंकी शैली की रामलीला का मंचन कराया गया। नक्कारे की थाप पर कलाकारों ने जटायु मोक्ष से लंका दहन तक की बेहतरीन प्रस्तुति देकर जमकर तालियाँ बटोरी। आयोजन समिति के पदाधिकारियों एवं क्षेत्रीय जनता ने इस कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
सायं 7 बजे से रात डेढ़ बजे तक चले कार्यक्रम की शुरुआत में जैसे ही नक्कारे के साथ साज और आवाज की प्रस्तुति प्रारम्भ हुई वैसे ही आसपास के दर्शक बरबस ही रामलीला प्रांगण की ओर खिंचे चले आये और आखिर में लंका दहन होने के बाद ही हटे। अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ.लवकुश द्विवेदी ने बताया कि नौटंकी उत्सव ‘लोकनाट्य में श्रीराम’ के आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को इस बात से परिचित करवाना है कि श्रीराम के जीवन के साथ लोक संस्कृति का कितना अटूट सम्बन्ध है। इस हेतु स्थानीय रामलीला समितियों के सहयोग से नौटंकी शैली में रामलीला का मंचन करवाने की पहल की गयी है।
कमला फाउंडेशन की अध्यक्ष ने मां जगदम्बा की आराधना की
रायबरेली। कमला फाउंडेशन की अध्यक्ष पूनम सिंह शारदीय नवरात्रि में श्री दुर्गा अष्टमी की संध्या पर इंदिरा नगर के महाराणा प्रताप एल ब्लॉक पार्क में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में पहुंची। हनुमानगढ़ी सरकार, अयोध्या से पधारे रसिकाचार्य श्री हित बृजराम जी ने अपने कथावाचनों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कथा का रसपान करने के पश्चात पूनम सिंह ने श्री हित बृजराम जी से आशीर्वाद ग्रहण किया। कार्यक्रम का आयोजन वार्ड के सभासद एसपी सिंह व श्री हनुमान जी महाराज एवं समस्त भक्तगण के द्वारा आयोजित किया गया था।
इसके उपरांत शिवाजी नगर में बनाये गए मां जगदम्बे के पंडाल में माताओं बहनों के साथ मिलकर श्री दुर्गा जी की आरती की। अंत में श्री श्री मां भगवती भाव पूजन समारोह समिति द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर मार्केट ( सुपरमार्केट ) में आयोजित की जा रही मां भगवती के भव्य पूजन समारोह में मां भगवती के भक्तों के साथ मिलकर आरती की। यहां सचिन शुक्ला व उनकी धर्मपत्नी मुख्य यजमान रहे। आरती में शहर के अनेक गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।
बुढ़ापे की लाठी
मैंने सोचा था तुमको ,
तुम मेरे बुढ़ापे की हो लाठी।
जो जोड़ा था तिनका-तिनका ,
आज यहां सब बिखर गया ।
भौतिकता की चमक में तू बेटा ,
माता-पिता को भूल गया।
ख़ुद भूखे रहकर हम दोनों ने,
तुम बच्चों को अच्छी शिक्षा दी।
तुम कैसे भूल गए उनको,
जिसने जीवन तेरा संवारा।
आज उनके अपने बच्चों ने,
बेसहारा करके छोड़ दिया।
छोड़ उन्हें वृद्ध आश्रम में,
ख़ुद जाकर परदेस बसा।
नवरात्रि पर शतचंडी पाठ का किया आयोजन
मथुरा। श्रीदेवी असहाय सेवा संस्थान के तत्वाधान में सरस्वती कुंड के निकट माँ दुर्गा मंदिर में नवरात्रि पर्व पर शतचंडी पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्घालुओं ने बढ़ चढ कर भाग लिया। दुर्गा नवमी एवं राम जन्मोत्सव पर भारत सिंह कुशवाह ( राष्ट्रीय अध्यक्ष- अखिल भारतीय कुशवाह महासभा) के सानिध्य में शतचंडी महायज्ञ के हवन में देवी माँ के भक्तो ने पूर्ण आहुति दी। इसके पश्चात पुजारी द्वारा देवी माँ की महाआरती की गई। महाआरती के उपरांत कन्याओं – लांगुरिया का पूजन कर लगभग 400 बच्चों को प्रसाद गृहण करा कर उपहार भेंट की। कार्यक्रम के अन्त में महिलाओ द्वारा भजन कीर्तन किया गया, जिसमें महिलाओ द्वारा बड़ा प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी, सबसे बड़ा तेरा नाम है शेरावाली, शक्ति दे माँ भक्ति दे माँ आदि भजनों की प्रस्तुति दी गयी। जिसमें उपस्थित भक्तगण नृत्य करने पर मजबूर हो गए।
Read More »श्रीमद् भागवत कथाः श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का किया वर्णन
ऊंचाहार, रायबरेलीः क्षेत्र के महेशीपुर गांव मजरे अरखा स्थित शिव मंदिर पर नव दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा विगत 15 अक्टूबर दिन रविवार से निरंतर चल रही है। इस नव दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा में अयोध्या से आए हुए कथा व्यास दिलीप तिवारी (पीयूष जी महाराज) के मुखारविंद से भक्त प्रतिदिन कथा का रसपान कर रहे हैं। कथा व्यास दिलीप तिवारी महाराज के द्वारा भगवान श्री कृष्ण के बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन किया गया, जिसे सुन श्रोता मंत्र मुग्ध हुए। भक्त और भगवान की परिभाषा को भी बताया और कहा कि भगवान अपने भक्त की मन की बात को भी जान लेते हैं, सच्चे मन से की गई प्रार्थना ईश्वर जरूर सुनता है। भगवान सिर्फ भाव के भूखे हैं। इसके साथ ही कथा व्यास के मुखारविंद से भक्ति संगीत को सुनकर श्रोता झूम उठे और वातावरण भक्तिमय हो उठा।
आयोजक डॉ० उमेश मौर्य ने बताया कि विगत 15 अक्टूबर रविवार को कलश यात्रा के साथ नव दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। अयोध्या से आए कथा व्यास दिलीप तिवारी (पीयूष जी महाराज) के मुखारविंद से सभी भक्त प्रतिदिन कथा का रसपान कर रहे हैं। कथा का समापन 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को होगा, हवन पूजन के पश्चात , उसी दिन प्रसाद के रूप में विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया है।
लैप्रोस्कोपी सेन्टर का किया गया उद्घाटन
महराजगंज, रायबरेली। नेशनल हॉस्पिटल (लैप्रोस्कोपी सेन्टर) का फीता काटकर किया गया भव्य उद्घाटन। बताते चलें रामपुरा मोड, बछरावां रोड महराजगंज में नेशनल हॉस्पिटल (लैप्रोस्कोपी सेन्टर) का पूर्व जिला पंचायत सदस्य व चेयरमैन प्रतिनिधि प्रभात साहू व पूर्व विधायक राजा राम त्यागी ने फीता काटकर भव्य उद्घाटन किया और संचालक को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हॉस्पिटल से अब मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। जिसको लेकर क्षेत्र के लोगों ने खुशी जाहिर की है। हॉस्पिटल के मैनेजर मोव शादाब खान ने जानकारी देते हुए बताया हॉस्पिटल में बेहतरीन सुविधाएं दी जायगी और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस हॉस्पिटल में मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिये सभी सुविधाओ का ख्याल रखा गया है।
Read More »स्काउट गाइड के बच्चों को पुलिस ने किया जागरूक
सलोन, रायबरेली। विगत कई वर्षों से भारत स्काउट/ गाइड के बच्चों द्वारा विभिन्न पर्वों पर समाज सेवा का पुनीत कार्य किया जाता रहा है, जिसका नेतृत्व राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका जिला गाइड ट्रेनिंग कमिश्नर डॉक्टर साधना शर्मा करती हैं। इस बार भी दुर्गा पूजा एवं दशहरा के पावन पर्व पर मॉडर्न पब्लिक इंटर कॉलेज ,सर्वाेदय इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज एवं कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय सलोन के 60 बालक एवं 36 बालिकाएं समाज सेवा का कार्य कर रहे हैं। आज रात में स्काउट गाइड के बच्चे परशदेपुर रोड, रायबरेली रोड, दुर्गा पूजा पंडाल एवं कोतवाली थाना सलोन मार्च पास्ट करते हुए पहुंचे। जहां पर प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली श्याम कुमार पाल ने बच्चों को 1090, 1098, 112, 108, 1076 हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी देते हुए उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आगे आने का आह्वान किया ।उपनिरीक्षक सुमित शोरेन ने बच्चों को महिला हेल्प डेस्क, मिशन शक्ति, साइबर क्राइम, बाल श्रम, पास्को एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उनकी इस सेवा भाव को सराहा।
इस अवसर पर जिला गाइड कैप्टन निरुपमा बाजपेई, शीतल मिश्रा समाजसेवी, अनिल कुमार बाजपेई, दीपक, कदीर अहमद ब्लाक स्काउट मास्टर, सेवानिवृत्ति शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी मोहम्मद इस्माइल खान, अनुराग यादव, विकास निर्मल आदि ने इस पुनीत कार्य में बढ़-कर का प्रतिभाग किया।
सुग्रीव की श्रीराम से मित्रता, बालि वध और सीता की खोज का भावविभोर मंचन
पवन कुमार गुप्ताः ऊंचाहार, रायबरेली। विगत कई दिनों से एनटीपीसी आवासीय परिसर के डीएवी पब्लिक स्कूल ग्राउंड में चल रही श्री राम लीला का कानपुर के नयापुल मुंशीपुरवा से आए हरिदर्शन मानस कालामंच के कलाकारों द्वारा गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्री रामचरित मानस के विभिन्न प्रसंगों का मंचन किया जा रहा है।
एनटीपीसी में चल रही रामलीला में आज के प्रसंग में किष्किंधा कांड में दर्शाए गए चित्रण श्री राम और सुग्रीव की मित्रता का वर्णन किया गया। रामलीला के मंचन में यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रसंग है। पंचवटी से देवी सीता का हरण हो जाने पर उनकी खोज में निकले भगवान राम और लक्ष्मण वन में विचरण करते करते किष्किंधा पर्वत के समीप पहुंचते हैं और इधर जब दो राजकुमारों को किष्किंधा के समीप आते हुए सुग्रीव ने देखा तो वह थोड़ा भयभीत हुए और अपने गुप्तचरों को भेज कर उनका भेद जानने को कहा। चूंकि सुग्रीव अपने भाई बालि के डर से हनुमान जामवंत और अपने कुछ वानर साथियों के साथ किष्किंधा पर एक गुफा में छिपे थे। इसलिए उन्हें अपने भाई बाली के किसी चाल का भय सता रहा था।
एनटीपीसी में चल रही रामलीला में आज के इस प्रसंग में दिखाया गया कि सुग्रीव के कहने पर हनुमान भेष बदलकर दोनों राजकुमारों का परिचय जानने के लिए उनके समीप पहुंचते हैं। यह दोनों राजकुमार कोई और नहीं भगवान राम और लक्ष्मण थे। हनुमान ने अपनी मधुर वाणी और बुद्धि कौशल से दोनों राजकुमारों को प्रभावित किया। परिचय पूर्ण होने के बाद हनुमान ने भगवान श्री राम से सुग्रीव की मित्रता कराई और एक दूसरे की आप बीती को सुना।