Tuesday, April 23, 2024
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संचार व सूचना प्रौद्योगिकी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में डीपफेक एक बड़ी चुनौती

डीप फेक का गलत इस्तेमाल हर क्षेत्र में होने लगा है, डीप फेक लोकतंत्र के लिये खतरा है। डीप फेक मतदाता के मन को बदल सकता है।
डीपफेक द्वारा उत्पन्न चुनौतियाँ सबसे पहले विश्वास और प्रतिष्ठा का क्षरण करती है। डीपफेक का इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने, प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और सामाजिक अशांति भड़काने के लिए किया जा सकता है। एक बार जब कोई डीपफेक वीडियो वायरल हो जाता है, तो नुकसान को रोकना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि लोग वास्तविक और हेरफेर की गई सामग्री के बीच अंतर करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। व्यक्तियों और समाज के लिए खतरा अब सिर पर आकर खड़ा हो गया है। डीपफेक का इस्तेमाल साइबर बुलिंग, ब्लैकमेल और यहां तक कि चुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए भी किया जा सकता है। इसके दुरुपयोग से व्यक्तियों और समाज को नुकसान पहुंचने की संभावना बहुत अधिक है। पता लगाने और जिम्मेदार ठहराने में कठिनाई पहले से ज्यादा बढ़ गयी है। डीपफेक का परिष्कार लगातार विकसित हो रहा है, जिससे उनका पता लगाना और उनका पता लगाना कठिन होता जा रहा है। यह कानून प्रवर्तन और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के लिए एक चुनौती है। कानूनी और नैतिक विचार कमजोर पड़ते दिखाई दे रहें है। डीपफेक के उद्भव ने गोपनीयता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की सीमाओं के संबंध में जटिल कानूनी और नैतिक प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
डीपफेक ऐसे वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग हैं, जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करके हेरफेर किया जाता है, ताकि यह प्रतीत हो सके कि कोई कुछ ऐसा कह रहा है या कर रहा है जो उन्होंने कभी नहीं किया।

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मनोरंजन की दुनिया को लगे नए पंख, सिंगल लॉगिन से प्राप्त होंगे सभी ओटीटी एप्स

⇒मथुरा में हुई एंड्रोमेडा की नेशनल लॉन्चिंग
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। मथुरा में बीते दिनों एंड्रोमेडा के नाम से एक ओटीटी प्लेटफॉर्म लांच किया गया है। जिसके माध्यम से सभी ओटीटी एप्स और 500 से अधिक टीवी चैनल्स एक सिंगल लॉगिन से प्राप्त किये जा सकेंगे।
अभी तक एक से ज्यादा ओटीटी ईपीएस पैकेज ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइडर्स के द्वारा उन्ही की ब्रॉडबैंड सर्विस के साथ ही उपलब्ध होते हैं। उपभोक्ताओं के लिए यह बाध्यता थी कि उनको ओटीटी एप्स का पैकेज चाहिए तो उसी कंपनी का ब्रॉडबैंड भी लेना होगा अथवा यह ओटीटी एप्स डायरेक्ट सब्सक्राइब करने पड़ते थे। जो कि उपभोक्ताओं को बहुत मंहगा पड़ता था। अब एंड्रोमेडा के जरिये सभी ओटीटी एप्स पैकेज के रूप मे बहुत ही उचित दामों में उपभोक्ताओं को मिल पाएंगे। उपभोक्ताओं के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि वो किसी भी कंपनी की ब्रॉडबैंड सर्विस पर एंड्रोमेडा एप्स को प्राप्त कर सकते है।
ओटीटी कंटेंट का किंग नेटफ्लेक्स अभी तक जिओ-एयरटेल या डायरेक्ट नेटफ्लेक्स द्वारा ही उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध था। अब नेटफ्लेक्स एंड्रोमेडा प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध होगा।

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मित्रों टीवी ने “मेड इन इंडिया” ऐप्स पर जोर देने के लिए आत्मनिर्भर ऐप्स(Atmanirbhar Apps) किया लॉन्च  

• यह भारतीय ऐप्स को सलाम करने और इन्हें एक साथ लाने के लिए अपनी तरह का अनूठा डिस्कहवरी प्ले टफॉर्म है 
• बेहतरीन ढंग से खोज में सक्षम बनाने के लिए भारतीय डेवलपर्स और सूक्ष्म उद्यमियों के लिए एक अनूठी पहल 
• राष्ट्रीय एकता दिवस पर लॉन्च आत्मनिर्भर ऐप्स के अलावा, मित्रों टीवी ने #AtmanirbharPledge कैंपेन का भी अनावरण किया 
जन सामना समाचार डेस्क : प्रधानमंत्री मोदी की आत्मनिर्भर भारत की पहल को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय शॉर्ट वीडियो ऐप मित्रों टीवी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर अपनी तरह का अनोखा डिस्कवरी प्लेटफॉर्म आत्मनिर्भर ऐप्स लॉन्च किया। आत्मनिर्भर ऐप्स की लॉन्चिंग के साथ मित्रों टीवी लोगों से वोकल फॉर लोकल बनने की अपील करना चाहता है और अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में लॉन्च किए गए भारतीय ऐप्स को स्पॉटलाइट में लाना चाहता है।
ऐप के फाउंडर्स के वीडियो का लिंक-
https://twitter.com/Mitron_Tv/status/1322421536351907840?s=20
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत में लौहपुरुष के नाम से लोकप्रिय हैं । उन्होंने राजघरानों, रजवाड़ों और रियासतों का भारत में विलय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मित्रों टीवी द्वारा लॉन्च आत्मनिर्भर ऐप्स भारत के लौह पुरुष और भारतीय ऐप्स के डेवलपर्स के प्रयासों को सलाम करता है। इस ऐप का विजन घरेलू टेक्नोलॉजी  को बड़े पैमाने पर मजबूत बनाना है, जिससे यूजर्स के लिए  अपनी अलग-अलग जरूरतों के लिए भारतीय ऐप्स को पहचाना आसान हो जाए। इस समय यह प्लेटफॉर्म 100 से ज्यादा ऐप्स की मेजबानी कर रहा है। इस वर्ष के अंत तक इस प्लेटफॉर्म की 500 ऐप्स को एक साथ लाने की योजना है। यह प्लेटफॉर्म विशाल पैमाने पर अलग-अलग श्रेणियों, जैसे ई-गवर्नेंस, यूटिलिटी, कृषि, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और ई-लर्निंग समेत कई अन्य क्षेत्रों  की ऐप्स को होस्ट करता है। इनमें से कुछ के नाम इस प्रकार हैं, किफायत, ग्रोसिट, जैन ठेला, होम शॉपी, योर कोट, वृद्धि स्टोर्स, एक्सप्लोरी एआई कीबोर्ड, एम परिवहन आदि। प्लेस्टोर पर आत्मनिर्भर ऐप्स को एक्सेस करने के लिए क्लिक करें – http://bit.ly/AtmaNirbhar
आत्मनिर्भर ऐप्स (Atmanirbhar Apps) की लॉन्चिंग पर टिप्पणी करते हुए मित्रों के सी.ई.ओ और सह-संस्थापक शिवांक अग्रवाल ने कहा, “राष्ट्रीय एकता दिवस पर भारतीय उपयोक्ताईओं के लिए आत्मनिर्भर ऐप्स को लॉन्च कर मुझे काफी गर्व हो रहा है और बेहद खुशी हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इस वर्ष मई में पूरे भारत को आत्मनिर्भर बनने के आह्वान और मेड इन इंडिया इकोसिस्टम  पर अपना ध्यान केंद्रित करने की अपील के बाद हमने इस दिशा में कदम बढ़ाया। हमने सोचा कि  यह बहुत जरूरी है कि हमारे यूजर्स महत्वपूर्ण भारतीय ऐप्स को खोज सकें, जो भारत को निरंतर आगे बढ़ाने की दिशा में असाधारण काम कर रही है। यह आत्मनिर्भरता का जश्न मनाने और घरेलू बिजनेस को बढ़ावा देने का मित्रों टीवी का एक छोटा सा प्रयास है।”

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राष्ट्रपति के पैतृक गाँव में स्मार्ट क्लास का संचालन शुरू

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव परौंख गांव में डीएम, सीडीओ ने ग्रामीणों के साथ लगायी चौपाल, गाँव का किया निरीक्षण,
परौंख गांव को सड़क, विद्युत, जल, शिक्षा आदि मूलभूत सुविधाओं को दुरस्त करने के साथ ही आधुनिक सुविधाओं से और आच्छादित किया जायेगा: डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गांव परौंख में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने स्मार्ट क्लासेस व बैग, पुस्तक, रजिस्टर आदि का दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया साथ ही ग्रामीणों के साथ चौपाल लगायी। इसके साथ ही उच्च प्राथमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास की शुरूआत के साथ ही बच्चों को बैग आदि भी वितरित किया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास के माध्यम से दूर दराज के बच्चें आधुनिक तकनीकी वाली शिक्षा से जुड़ेंगे तथा अच्छी शिक्षा लेकर संर्वागीण विकास कर देश व समाज का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने शिक्षकों, अभिभावकों से कहा कि बच्चों की शिक्षा पठन पाठन को बेहतर तरीके से कराने में सहयोग दे। बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि पैदा करें। महापुरूषों के बारे में बताये। ग्रामीणों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं को सुना और अधिकारियों के निराकरण के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने कहा कि परौंख गांव गौरवशाली गांव है जहां ग्रामीणों की मूलभूत सुविधायें सडक, विद्युत, जल, शिक्षा आदि से संबंधित समस्याओं को तत्काल निराकरण करने के साथ ही परौंख और उसके आस पास के गांव को और अधिक बेहतर सुविधायें प्रदान की जायेगी साथ ही गांव को आधुनिक सुविधाओं से आच्छादित किया जायेगा।

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रोटरी क्लब आॅफ हाथरस द्वारा कम्प्यूटर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

हाथरस, जन सामना ब्यूरो। रोटरी के बेसिक शिक्षा एवं साक्षरता माह सितम्बर 2017 मे छात्र छात्राओं को कम्प्यूटर शिक्षा के विषय में प्रशिक्षित करने हेतु रोटरी क्लब आॅफ हाथरस के सौजन्य से बालाजी कम्प्यूटर एवं एजूकेशन सेन्टर किला गेट पर निशुल्कः कम्प्यूटर प्रशिक्षण शिविर 26 सितम्बर से 25 अक्टूबर तक आयोजित किया गया है। शिविर मे 20 छात्र एवं छात्रायें नियमित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
शिविर के शुभारम्भ के अवसर पर अध्यक्ष रामबिहारी अग्रवाल ने कहा कि साक्षरता रोटरी का लक्ष्य है तथा आज के समय मे सभी जनमानस को कम्प्यूटर की जानकारी होना आवश्यक है और छात्र छात्रओं से प्रशिक्षण शिविर का लाभ लेने का आव्हान किया गया। शिविर की व्यवस्था एवं संचालन में रो. अजय गर्ग एवं रो. गोविन्द अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा।

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बिटकॉइन आधुनिक दुनियाँ की मुद्रा या सिर्फ निवेश का नया माध्यम?

P_20160818_191621_BFबिटकॉइन अगर ये शब्दसुनने के बाद आपके मन में आ रहा है के “शायद  ये किसी देश की मुद्रा होगी  और उस देश का  नाम आपको  नहीं पता ” अगर आप  ऐसा ही सोचते है तो मैं आपको बताता चलु के आप नयी तकनिकी दुनियां से थोडा सा पीछे है ,दरसल बिटकॉइन किसी एक देश की मुद्रा का नाम नही है और ना ही इसका कोई आकार  बल्कि ये एक नई और डिजिटल मुद्रा है। जो की अद्रश है जिसको ना तो हम अपनी जेब में रख सकते है और नाहीं  छु सकते है दरसल इन दिनों  इसका उपयोग सिर्फ कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु किया जा रहा  है। बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है  आभासी मतलब कि अन्य मुद्रा की तरह इसका कोई भोतिक स्वरुप नहीं है यह एक डिजिटल करेंसी है | यह  केवल इलेक्ट्रॉनिक स्टोर होती है अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है |

वर्तमान में संसार मे  बिटकॉइन काफी लोकप्रिय हो रहा है इसका आविष्कार  सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने  2008 में किया था और 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था परन्तु ये अभी तक ज्ञात नही हुआ है के सातोशी नकामोतो असलियत में कौन  व्यक्ति है बिटकॉइन के प्रसिद होने तक कई लोगो ने सातोशी नकामोतो होने का दावा की है परतु अभी तक ये पुख्ता नही हुआ है के असल व्यक्ति कौन है?

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