कानपुरः अवनीश सिंह। भारत तिब्बत सहयोग मंच के 23 वें स्थापना दिवस के पावन पर्व पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कानपुर प्रांत के द्वारा आज नौबस्ता स्थित एक वेंक्वेट हॉल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में भारत तिब्बत सहयोग मंच पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संयोजक मनोज श्रीवास्तव उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कानपुर प्रांत महामंत्री हरीओम भदौरिया ने किया। क्षेत्र संयोजक मनोज श्रीवास्तव ने भारत तिब्बत सहयोग मंच के कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि इस मंच का उद्देश्य तिब्बत की आजादी एवम् कैलाश मानसरोवर को चीन के कब्जे से मुक्त कराना एवम् चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर स्वदेशी उत्पादों की खरीद पर जोर देना है।
Read More »बर्रा क्षेत्र के जरौली में अतिक्रमण पर चला बुल्डोजर
⇒ध्वस्तीकरण अभियान में दिखा भेदभावपूर्ण रवैया
कानपुरः अवनीश सिंह। नगर निगम ज़ोन 3 द्वारा जरौली नाला रोड के किनारे अवैध कब्जों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। इस दौरान कई पक्के व कच्चे निर्माण तोड़े गए। भारी संख्या में सुरक्षा बलों की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण अभियान चलाया गया।
हालांकि इस दौरान भेदभावपूर्ण रवैया देखने को मिला क्योंकि कुछ तोड़े गए तो कुछ अधिकारियों की मेहरबानी से बचा दिए गए।
अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर जब सरकार का आदेश है तो आदेश का पालन करने में दोहरा मापदंड क्यों ? या तो सभी कब्जे गिराए जाने चाहिए या फिर सभी को समय देना चाहिए, गरीबों के कच्चे निर्माण तोड़े गए जबकि पक्के निर्माणों पर दयादृष्टी दिखाई गई। यह सरकारी मशीनरी की कार्यशैली पर प्रश्न उठाता है।
नीली चिड़िया देगी सोने के अंडे ?
ट्विटर के कमर्शियल/सरकारी यूजर्स पर थोड़ी सी फ़ीस की संभावना, जबकि कैजुअल यूजर्स के लिए फ्री!!
ट्विटर प्लेटफार्म की कुछ सेवाओं को पेड सेवाएं करना, अपना प्रभुत्व बढ़ाना, अभिव्यक्ति की आजादी, एडिट बटन ऑप्शन जोड़ना इत्यादि रणनीतिक रोडमैप पर काम की संभावना – एड किशन भावनानी
वैश्विक स्तर पर एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी कंपनियों में से एक ट्विटर को दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी व्यक्ति द्वारा खरीदना और कमर्शियल/सरकारी यूजर्स पर थोड़ी सी फ़ीस की संभावना नए मालिक द्वारा दिनांक 4 मई 2022 को अपने ट्विटर हैंडल से व्यक्त की है जबकि कैजुअल यूजर्स के लिए फ्री की बात टि्वट कर दुनिया में चर्चा का विषय बना दिया है जिसके बारे में हर मीडिया प्लेटफॉर्म, टीवी चैनलों पर चर्चाएं चल रही है।
पैदल चलिए, मोटापा घटाएं
बदन का भारी होना, मोटापा, भोजन का ठीक से एवं समय से न पचना तथा कब्ज की षिकायत का आए दिन बने रहना, खट्टी डकारें, छाती की जलन, गैस, थकान एवं बदन के जोड़-जोड में दर्द और अकड़न का रहना इन तमाम षिकायतों का एक ही सटीक इलाज है- घूमना यानी पैदल चलना। आज जब इंसान भौतिक सुख-सुविधाओं की लिप्सा एवं दौड़भाग में पड़ा है, उसके पास वक्त की निहायत कमी हो गई है। जरा भी कहीं चार कदम भी चलना पड़ता है, तो वह गाड़ी, स्कूटर की जरुरत महसूस करता है।
Read More »एलोवेरा में बड़े-बड़े गुण
यह ‘कुमारी’ हमारे आपके सबके परिचय की है। इसे ही कन्या, घृतकुमारी, घीकुआर, ग्वारपाठा, स्थूलदला या ‘एलोएवेरा’ कहते हैं।
कुमारी के बाहर के पत्तों के सूखने पर भी इसके भीतर से नए पल्लव़ आते रहते हैं। यह हमेशा ताजी रहती है, इसलिए इसे कुमारी कहते हैं। हम इसे अपने घर में भी लगा सकते हैं। यदि वनस्पति जड़ के साथ घर में लटका दी जाए फिर भी काफी दिनों तक ताजी रहती है। यह इसकी विशेषता है। इसका पेड़ छोटा होता है, पत्ते लंबे, रसपूर्ण और किनारे से कांटेदार होते हैं। पुराना हो जाने पर इस पेड़ के मध्य से एक डंडी निकलती है और उस पर काले रंग के फूलों का गुच्छा आ जाता है।
घृतकुमारी स्वाद में बहुत कड़वी होती है परंतु शरीर पर इसका षीत प्रभाव पड़ता है।
राज्यमंत्री जनपद में 6 मई को करेंगे भ्रमण
कानपुर देहात। मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय ने बताया कि निजी सचिव, राज्यमंत्री, संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग, जवाहर लाल पाल के पत्र के तहत राज्यमंत्री, संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश मयंकेश्वर शरण सिंह का दिनांक 6 मई 2022 का जनपद कानपुर देहात का भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित है।
Read More »एनटीपीसी ऊंचाहार ने किया के कमलेश सोनी का अभिनंदन
पवन कुमार गुप्ता/रायबरेली। ऊंचाहार परियोजना एनटीपीसी की महत्वपूर्ण विद्युत परियोजना है, यहां पर काम करना गर्व की अनुभूति होने के साथ-साथ कई तरह के पेशेवर अनुभवों को प्राप्त करने का अवसर मिलता है। जो व्यावसायिक दृष्टि से कंपनी में आगे काम करने में सहायक होता है। उक्त विचार ऊंचाहार परियोजना में मुख्य महाप्रबंधक रहे कमलेश सोनी ने अपने अभिनंदन समारोह में व्यक्त किए। कमलेश सोनी ने अपने कार्यकाल के दौरान टीम ऊंचाहार से मिले सहयोग और सम्मान के लिए कृतज्ञता व्यक्त की तथा ऊंचाहार परियोजना की उत्कृष्टता को सतत बनाए रखने का सभी से अनुरोध किया।
Read More »डीएम ने वार्षिक ऋण योजना 2022-23 पुस्तक का किया विमोचन
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत बैंकों के माध्यम से लाभार्थियों को ऋण वितरित कराने का कार्य करे: डीएम
पवन कुमार गुप्ता/रायबरेली। जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने बचत भवन के सभागार में उत्तर प्रदेश में पटरी दुकानदारों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के संचालन और ऋण वितरण में गति लाने के लिए जनपद स्तरीय बैकर्स सहित सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर (पीएम स्वनिधि) योजना संचालित है। जिलाधिकारी ने कहा कि नगर निकाय द्वारा लाभार्थियों के आवेदन प्राप्त कर एवं उन्हें सहयोग प्रदान करते हुए बैंकों के माध्यम से ऋण वितरित कराने का कार्य निरंतर किया जाये।
पत्रकार के निधन पर रसूलाबाद में पत्रकारों ने जताया शोक
मिडडेमील में नमक रोटी की खबर चलाकर चर्चा में आये मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल की कैंसर के चलते मौत
पत्रकार कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष संतोष गुप्ता ने सरकार से पत्रकार की पत्नी को सर्विष व आर्थिक मदद देने की अपील की
रसूलाबाद/कानपुर देहात। एक सरकारी स्कूल में मिडडेमील में बच्चो को नमक रोटी की खबर चलाकर देश प्रदेश में चर्चा में आये मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल कैसर जैसी बीमारी से बृहस्पतिवार वाराणसी के एक निजी अस्पताल में जंग हार गए ।यह खबर जैसे ही सोशल मीडिया में वायरल हुई प्रदेश के पत्रकार स्तब्ध रह गए। पत्रकार साथियो ने प्रदेश के मुख्य मंत्री से मृतक पत्रकार की पत्नी को सरकारी सर्विष व भरण पोषण के लिए आर्थिक मदद देने की मांग की।
रसूलाबाद में पत्रकार कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष सन्तोष गुप्ता की अध्यक्षता में एक शोक सभा का आयोजन कर साथी पत्रकारों ने दो मिनट का मौन रख मृत आत्मा की शांति के लिये ईश्वर से परिवारीजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना के साथ विन्रम श्रद्धांजलि अर्पित की।
जो करे सेवा उसे मिले मेवा
एक छोटा सा गांव था ,दो बेटों के साथ रेवती बहुत आराम से रह रही थी।दोनों बेटों को बहुत प्यार से पाला था उसने।जो जमीन उसके पति के निधन के समय उसके पास थी उसी पर खेती कर बच्चों का पालन पोषण और पढ़ाई लिखाई और घर को बड़ी किफायत से चलाया था उसने।
जब दोनों बेटे बड़े हुए तो एक के बाद एक दोनों की शादी करदी।बड़ी बहू तब तक तो ठीक थी जब तक छोटे बेटे की शादी हुई और छोटी बहु का आगमन हुआ,जैसे ही छोटी बहु आई, जो बहुत गुणी थी उसका रवैया ही बदलने लगा।घर का काम धीरे धीरे छोटी बहु के सर पर डालती गई और छोटी बहु को भी तानें सुनाती रहती थी ।कुछ दिन तो रेवती ने देखा लेकिन जब हर दिन बात बढ़ती गई तब एक दिन बड़े बेटे को बुलाकर उसे अपनी पत्नी के साथ घर के दूसरे हिस्से में जहां दो कमरे और एक रसोई थी वहां रहने के लिए बोल दिया।कुछ बर्तन और दूसरा समान ले वह अपनी पत्नी के साथ अलग रहने लगा।पास में ही रहती छोटी बहु की हर बात पर ध्यान रख बड़ी बहू उसके नुक्स निकलती थी।लेकिन छोटी बहु थी कि अपने किसी भी फर्ज से चूक नहीं करती थी।सुबह रेवती के चरण स्पर्श करती थी फिर रेवती के नहाने का गरम पानी रखना,पूजा के लिए फूल और दिया तैयार कर प्रसाद बना के रख देती थी ,बहु की सेवा से रेवती खूब प्रसन्न थी और उसे बहुत ही आशिषें देती थी।
यही बात बड़ी बहू को अखरती रहती थी।एक बार छोटी बहु अपने मायके जा रही थी किंतु उसे अपनी सास की सेवा की इतनी आदत हो गई थी कि पूछो मत।उसने सास को मनाया कि वह भी साथ चली जाएं लेकिन उसने मना कर दिया।
अब उसने गांव का एक मूर्तिकार था उसे बुलाया और अपनी सास की मूरत बनवाई जिसे साथ ले वह मायके जाने की लिए चल पड़ी। सास की मूरत को लिए वह चली जा रही थी सर्दियों के दिन थे तो शाम भी जल्दी ढल गई और जंगली जानवरों का भी डर था तो वह एक द्रख्त पर चढ़ के बैठ गई।जरा सी आंख लगी की नीचे भाग म भाग की आवाजे आने लगी।उसने देखा की उसकी सास की मूरत नीचे पड़ी थी पास में ही किसी ने आलाव जलाया था और उसीके पास बहुत सारे हीरे मानेक से जड़ित गहने पड़े हुए थे।उसने पेड़ से उतर कर देखा तो दूर दूर कुछ लोग भागे जा रहे थे।वह समझ गई कि को भाग गए हैं वे चोर थे तो उसने सारे गहने उठाए और वापस घर की और चल पड़ी और अपने पति और सास को सारी बातें बताई।
अब ये सब बातें उसकी जेठानी को भी पता चली तो उसे भी लालच आया और ठीक वैसे ही अपनी सास की मूरत बना मायके जाने निकल पड़ी,और जिस पेड़ के नीचे राख पड़ी थी उसी के उपर जा बैठ गई और चोरों का इंतजार करने लगी और उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब पेड़ के नीचे कुछ लोग बाते करते हुए आए,बैठे और आलाव जलाने लगे।जैसे ही आलाव जला उसने अपनी सास की मूरत को जोर से नीचे फेंका,पहले तो चोर भागने लगे किंतु ,ऐसा दुबारा होने से शक हुआ और उन में से एक पेड़ पर चढ़ा और उसे नीचे उतरा और खूब प्रताड़ित किया, और इल्जाम लगाया कि इससे पहले भी उसने उनका धन चुराया था।उसने लाख बताने की कोशिश की, कि वह बेगुनाह थी,उसने तो पहली बार ही उनको देखा था लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी और उसका सिर मुंडवा के मुंह पर कालिख पोत के चले गए।इस हालत में जब वह अपने घर पहुंची तो किसी ने भी उसे पहचाना नहीं किंतु उसने रो रो कर अपनी बात बताई तब सब ने उसे सांत्वना दी और बोला जो करे सेवा उसको मिले मेवा जो जाए लेने उसको पड़ते हैं देने।
जयश्री बिरमी
अहमदाबाद