नई दिल्ली, ब्यूरो। संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि चिकित्सा पेशे के लोगों को गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने के लिए ग्रामीण इलाकों में कार्य करना चाहिए। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और संबंधित अस्पतालों के शताब्दी समारोह के मौके पर डाक टिकट जारी करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि डॉक्टरों को शहरों में पदस्थापित होने से पहले कुछ वर्षों तक गावों में कार्य करने की शपथ लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 100 वर्ष पहले तब के वायसराय लॉर्ड हार्डिंग की पत्नी ने महिला डॉक्टरों की कमी महसूस की थी और इसी से उन्होंने लेडी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया। कॉलेज को लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज नाम दिया गया । श्री सिन्हा ने बताया कि उन्होंने तब के रियासती रजवाड़ों , सामाजिक कार्यकर्ताओं और साधारण जन से धन इकट्ठे किए।
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आतंकवादी हमले में शहीद जवानों को दी श्रद्धाजंलि
सवर्ण संगठन की जिला युवा कार्यकारिणी ने निकाला कैण्डिल मार्च
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। भारतीय सवर्ण संगठन की जिला युवा कार्यकारिणी के अध्यक्ष सूर्यकान्त उपाध्याय व निशान्त गर्ग जिला कोषाध्यक्ष के नेतृत्व में एक कैडिल मार्च उरी में आंतकवादी हमले में शहीद हुए जवानों कि सच्ची श्रद्वांजलि के लियें निकाला गया। कैडिल मार्च सेंन्ट्रल चैराह से शुरू होकर सुभाष चैराहे पर शहीदो की शोक श्रद्वांजलि दी गयी। प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर उपाध्याय जिला अध्यक्ष रविन्द्र सिंह परिहार; जिला महामंत्री मनोज भटनागर बिजेन्द्र सक्सैना मंडल महामंत्री मौजूद रहें।
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सत्ताधारी राजनेताओं की दबंगई में प्रशासन?
बघेल ने प्रदेश के मुख्य सचिव-सपा प्रदेशाध्यक्ष को भेजा फैक्स
कहा-श्रीराम की लीला स्थली का किया जा रहा व्यवसायीकरण
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समित के प्रबन्धकारिणी सचिव राम प्रकाश बघेल ने प्रदेश के मुख्य सचिव व सपा प्रदेशाध्यक्ष को भेजे एक फैक्स संदेश में कहा है कि उत्तर भारत के सुविख्यात 20 दिवसीय श्री रामलीला महोत्सव मेले के कथित आयोजकों पर सत्ताधारी राजनेताओं के अनुचित दबाव व आर्थिक प्रभाव में दबंगई व गुण्डई के बल पर कार्य करने का प्रशासन पर आरोप लगाया हैं।
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों ने पेश किया मांग-पत्र
नई दिल्ली, ब्यूरो। पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष लाभा राम गांधी के नेतृत्व में आज गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें एक मांग-पत्र प्रस्तुत किया।
मांग-पत्र में जम्मू-कश्मीर में नागरिकता, जम्मू-कश्मीर में पुनर्वास के लिये विशेष पैकेज, राज्य चुनावों में मताधिकार और चुनाव लड़ने का अधिकार, जमीन का आबंटन, विशेष भरती, तकनीकी / व्यावसायिक संस्थानों में शिक्षा का अधिकार, एससीध्ओबीसी प्रमाणपत्र प्रदान करना शामिल है। प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के लिये राहत आयुक्त को नियुक्त करने की भी मांग की ताकि उनकी शिकायतों को दूर किया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल की भावनाओं की कद्र करते हुये राजनाथ सिंह ने प्रतिनिधमंडल को आश्वस्त किया कि वे इस मामले को देखेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया है जो उनके दैनंदिन के विषयों को हल करने के लिये शरणार्थी समुदाय के साथ विशेष समन्वय स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय एक उपयुक्त प्रावधान पर काम कर रहा है ताकि राज्य सरकारों द्वारा पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को एससीध्एसटीध्ओबीसी प्रमाणपत्र जारी न करने सम्बंधी समस्याओं का निपटारा हो सके।
शहीदों के परिजनों को मिले पचास-पचास लाख-बबलू वर्मा
कहा-पांचों विस से लिये जायेंगे कार्यकर्ताओं के आवेदन फार्म
फिरोजाबाद,श्रीकृष्ण चित्तौड़ी। वैचारिक क्रान्ति पार्टी के जिला कार्यालय पर आयोजित बैठक में जिला प्रभारी बबलू वर्मा निषाद ने कहा कि देश के शहीद हुये 17 सैनिकों की आत्मशांति के लिये जिले के सभी कार्यकर्ताओं ने आतंकवादियों के हमले में शहीद हुये सैनिक की आत्मशांति के लिये दो मिनट का मौन रह कर आत्मा से प्रार्थना की।
थोथा चना, बाजे घना…..
जी बिल्कुल सही कहते हैं आप, सरकार बेकार, समाज बेकार, लोकतन्त्र में समस्या, शासन प्रणाली सही नहीं, बस सारी जिंदगी दोष देते रहते हैं हम। कभी सोचा ये बने किससे, कौन है इनका आधार, कौन है जिम्मेदार। नहीं कभी नहीं, चलिए ये बताइए कि आपने क्या किया, सिवाय गाल बजाने के, कभी किसी सामाजिक कार्य में भागीदारी की, कभी निस्वार्थ भावना से किसी गैर की समस्या का समाधान किया, शायद कभी नहीं, करें भी क्यूँ। क्या लेना देना आपको, सीधे सच्चे इंसान हैं आप, अपने रास्ते जाना, अपने रास्ते आना अपना घर, अपनी गृहस्थी, मगन हैं आप अपनी दाल रोटी में। वो बात अलग है कभी कहीं सामाजिक मुद्दों पर बात हुई तो समय पास करने का अच्छा साधन, आपकी बेबाक राय, सिर्फ कोरी राय, करना धरना कुछ नहीं । वो ही कहावत चरितार्थ ‘‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’’।
बङे ही प्रेम से अपनी उंगली उठाना, और कमी निकालना, कोई भी समाज सेवी हो या नेता, उनके ओहदे तक पहुंचने की मेहनत किसी को नहीं दिखाई देती, बस विपक्ष की तरह तैयार हैं 24ग7उंगली उठाने को। मानते हैं गंदगी है, कुछ कमियां हैं, पर आप भी तो सिर्फ नाक सिकोड़कर मुहँ पर रूमाल रखकर, आगे बढ़ जाते हैं, क्या कभी हिम्मत की है गंदगी के थोङे हिस्से को भी साफ करने की, शायद कभी नहीं।
स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली लूट
भारत में प्रतिवर्ष संक्रामक ‘दिमागी बुखार’ (जेई और एईएस) कुछ विशेष महीनों में पूरे देश को अपनी चपेट में ले लेता है। विशेषकर प्रतिवर्ष लाखों भारतीय बच्चे संक्रामक ‘दिमागी बुखार’ का शिकार होकर काल के गाल में समा जाते हैं। ‘दिमागी बुखार’ से हो रही बच्चों की मौत के बेहद संवेदनशील मामलों को रोकने के लिए केंद्र सरकार को तत्काल एक बेहद कारगर रणनीति बनाने की आवश्यकता है। देशभर में ‘दिमागी बुखार’ (जेई और एईएस) की स्थिति बेहद गंभीर स्तर पर पहुंच गई है। भारत सरकार तथा राज्यों की ओर से ‘दिमागी बुखार’ की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे विशेष कार्यक्रम बहुत अधिक सफल नहीं हो सके हैं। इस गंभीर समस्या से निजात पाने के लिए शीघ्र ही राज्य सरकारों को भी जरूरी ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
‘दिमागी बुखार’ (जेई और एईएस) की रोकथाम के लिए, आवश्यक फागिंग, टीकाकरण और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए सरकार प्रतिवर्ष भारी-भरकम धनराशि खर्च कर रही है, परंतु लापरवाही तथा अनेक स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण जमीनी स्तर पर कोई फायदा अभी तक दिखाई नहीं पड़ रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित होने वाले धन की खुली लूट देश में होती रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल और भी अधिक बदतर है। यहां तक कि कई राज्यों में तो जिला मुख्यालयों तक पर भी पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
विगत कुछ वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत ने कतिपय उपलब्धियां भी प्राप्त की हैं। भारत में शिशु मृत्युदर में शनैः-शनैः सुधार हो रहा है। भारत ने संक्रामक रोगों से लड़ने में अपनी क्षमता एवं तत्परता का परिचय दिया है।
आतंकी हमले से आक्रोश
उरी में सैनिकों के शिविर पर किए गए आंतकी हमले के दौरान शहीद हुए जवानों के परिवारों में जहां शोक की लहर है तो देशभर आम जन के बीच आक्रोश देखा जा रहा है। सामाजिक संगठनों के साथ चाहे आम हो या खास सभी पाक की इस कायराना हरकत का विरोध करते हुए पाक का पुतला फूंक कर अपने अपने स्तर से पाक के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं तो देश के सभी राजनैनिक दलों ने भी इस हमले के प्रति पाक को करारा जवाब देने की राय व्यक्त की है। वहीं सोशल मीडिया पर अगर नजर डाली जाए तो चाहे आम हो या खास सभी ने एक ही स्वर में हां की है कि अब पाक को करारा जवाब ही दिया जाये न कि शोक संवेदना व्यक्त कर इतिश्री कर ली जाए। केन्द्र सरकार से देश के युवाओं ने यही कहा कि अब बहुत हो चुका है, आए दिन हमारे देश के जांबाज आये दिन शहीद हो रहे हैं और हम संवेदना देते रहते हैं। अब संवेदनाओं की बात नहीं बल्कि ठोस कार्रवाई करने का वक्त है। हालांकि केन्द्र सरकार ने पाक को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अलग थलग करने की बात कही है लेकिन देश के लोग अब इसे सही नहीं मानते उनका मानना है कि यह तो दशकों से कहा जा रहा है और नतीजा शून्य ही है। करारा जवाब देने की बात तो सभी सरकारें करती चली आई लेकिन वास्तविकता यही है कि पाक को करारा जवाब नहीं दिया गया। अगर भारत सरकार वास्तव में पाक को करारा जवाब देती तो शायद यह दिन देश को नहीं देखने पड़ते।
Read More »सपना मांगलिक की कलम से……हिजड़े की व्यथा
कहते विकलांग उसे जिनका, अंग भंग हो जाता
मिलता यह दर्जा मुझको तो, क्यों मैं स्वांग रचाता
झूठ वेश खोखली ताली, दो कोठी बस खाली
जीता आया नितदिन जो मैं, जीवन है वो गाली।
घिन करता इस तन से हरपल, मन से भी लड़ता हूँ
कोई नहीं जो कहे तेरा, मैं दर्द समझता हूँ
तन-मन और सम्मान रौंदे, दुनिया बड़ा सताये
होता मेरे साथ भला क्यों, कोई जरा बताये।
अपनों ने ही त्याग दिया जब, मान गैर क्यों देते
जैसा भी है अपना है तू, गले लगाकर कहते
लिंग त्रुटि क्या दोष माँ मेरा, काहे फिर तू रूठी
फैंक दिया दलदल में लाकर, ममता तेरी झूठी।
खौफ का पर्याय
खौफ का पर्याय खाकी हो गई।
मुल्क की भीवत्स झाँकी हो गई।।
मखमली रिश्ते भी सारे गुम हुए,
अब यहाँ बदरंग राखी हो गई ।।
अब बला अबला बनी इस मुल्क में
बेहया दुश्मन जहाँ की हो गई ।।
अनवरत चिंघाड़ते इस शोर में,
अब मधुर लोरी भी माँ की खो गई।
धन कमाने की कबायद यूँ बढ़ी,
जिन्दगी अब जोड़-बाकी हो गई।।