दिल्ली। भारतीय दलित साहित्य अकादमी के 37वें राष्ट्रीय सम्मेलन में दलित, दमित, आदिवासी एवं वंचित साहित्य के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में आदिवासी केंद्र के संस्थापक निदेशक डॉ. जनक सिंह मीना को दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय अवार्ड 2021से सम्मानित किया गया। डॉ. मीना को यह सम्मान 100वर्ष की आयु पूरी कर चुके तथा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के साथी पूर्व केंद्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम, नेपाल सरकार के युवा एवं खेल मंत्री जहथ राज, महाराष्ट्र सरकार के पूर्व समाज कल्याण मंत्री बब्बन राम गोलक, जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्य मंत्री यशपाल कुंडल, गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय गुरुग्राम के कुलपति प्रो. एम एल रंगा, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट आर आर बाघ द्वारा प्रदान किया गया।
Read More »Jan Saamna Office
संतानों को इन्वेस्टमेंट समझने वाले मां-बाप इसे न पढ़ें
सभी मां-बाप से मेरा एक सवाल यह है कि मानलीजिए कि आप का शादीशुदा बेटा अचानक एक दिन सुबह आप से कहे कि ‘मेरी आमदनी कम है, मैं पूरे घर का खर्च नहीं चला सकता। इसलिए मैं अपनी पत्नी को ले कर अलग रहने आ रहा हूं।’ उस समय आप का पहला रिएक्शन क्या होगा? आप उसे अलग रहने के लिए जाने देंगे या ‘मैं ने अपनी पूरी जिंदगी तुम्हारे पीछे खपा दी, अब हमरा कौन है’, यह कह कर रोक लेंगें? या पत्नी के आते ही मां-बाप को किनारे लगाने का आरोप लगाएंगें?
Read More »पेंशनर्स ने मूक धरना देकर DM के माध्यम से PM & CM को प्रेषित किया 13 सूत्रीय ज्ञापन
कानपुर देहात| संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में जनपद कानपुर देहात के पेंशनर्स ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर मूक धरना देकर प्रधानमन्त्री तथा मुख्यमन्त्री को सम्बोधित तेरह सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपते हुए अपनी समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की है|
जनपद कानपुर देहात के माती स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर सोमवार को अपनी तेरह सूत्रीय मांगों को लेकर भारी संख्या में इकट्ठा हुए पेशन धारकों ने संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में दोपहर 12 से 3 बजे तक मूक धरना देकर प्रधानमन्त्री तथा मुख्यमन्त्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा|
राजनेता कैसा होना चाहिए
यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए सियासती घमासान मचा है, हर पार्टी के कार्यकर्ता अपने लीडर की तारीफ़ों के पूल बाँधते जनता के दिमाग को धोने की कोशिश कर रहा है। जब जब किसी भी राज्यों में चुनावी माहौल होता है तब परिस्थिति युद्ध वाली बन जाती है।
अवाम को एक बात समझ लेनी चाहिए की उनको कैसा नेता चाहिए? अपनी सोच और पसंद से अपना नेता चुनना चाहिए। न चंद पैसों के बदले वोट देने चाहिए, न एक बोतल दारु के बदले, न धर्म के नाम पर, न जात-पात के नाम पर। धर्म और जात-पात पर वोट बटोरने वालों को जनता को एकमत होकर बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए।
किसान आंदोलन क्या वाकई समाप्ति पर?
करीब एक साल के लंबे अंतराल के बाद किसान आंदोलन का स्वर धीमा पड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की है और एमएसपी से जुड़े मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की है। हालांकि किसानों ने आंदोलन को अभी समाप्त नहीं किया है और यह जीत किसानों की अभी अधूरी ही है क्योंकि जब तक एमएसपी पर कोई कानून नहीं बन जाता है तब तक उनका संघर्ष अधूरा ही है।
Read More »सोशल मीडिया : संबंधों का सबसे बड़ा दुश्मन
प्रकृति का नियम है, जो पैदा होता है, वह मरता है। यह तमाम संदर्भों में सच साबित होता है। थोड़ा दूर तक सोचें तो यह भी कहा जा सकता है कि मोबाइल भी कुछ ऐसा ही है। समझबूझ कर उपयोग करें तो मोबाइल बहुत काम की चीज है। पर बुद्धि को ताक पर रख कर इसका धड़ाधड़ उपयोग करें तो पतन के लिए यह काफी है। अभी कुछ दिनों पहले ह्वाटसएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम 7-8 घंटे बंद रहा तो हाहाकार मच गया। थोड़ी देर के लिए लोगों को लगा कि जैसे ऊनका सर्वस्व लुट गया है। मजा तो तब आया, जब वह फिर से चालू हुआ। उसके बाद जो मिम्स फैलने लगा, वह मजेदार था। पर कुछ हद तक सटीक भी था।
Read More »चिंताजनक है जीका वायरस का हमला
उत्तर प्रदेश का कानपुर जिला जीका वायरस और डेंगू का हॉटस्पॉट बना है। कानपुर के अलावा पिछले कुछ दिनों में कन्नौज, लखनऊ, मथुरा सहित कई जिलों में जीका वायरस के मामले सामने आ चुके हैं और अब फतेहपुर में भी जीका का केस सामने आने के बाद वहां स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है।
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में भले ही लगातार कमी देखी जा रही है लेकिन पिछले कुछ महीनों से देश के कई राज्यों में डेंगू के बढ़ते मामलों के साथ कुछ दिनों से जीका वायरस ने भी नई चिंता को जन्म दिया है। उत्तर भारत और खासकर उत्तर प्रदेश में जीका वायरस के मामले जिस तेजी के साथ सामने आए हैं, उससे चिंता का माहौल बनना स्वाभाविक है। उत्तर प्रदेश के कानपुर, कन्नौज, लखनऊ, मथुरा सहित कई जिलों में जीका वायरस के मामले सामने आए हैं और अब फतेहपुर जिले में भी जीका वारयस का केस सामने आने के बाद वहां स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है।
बच्चों को संस्कारित करना माता-पिता की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
“बच्चों में संस्कार, नैतिक शिक्षा, अनुशासन और व्यावहारिक ज्ञान समाज में उनको एक अच्छे इंसान बनने के लिए अहम भूमिका निभाता है।”
जब बच्चा जन्म लेता है तो एक अबोध बालक होता है और जैसे-जैसे वह बड़ा होता है, उसके परिवार का अनुशरण करते हुए हुए वह अपना आचरण करता है। बच्चों की शिक्षा-दीक्षा एवं शुरुवाती सीख अपने घर एवं आस-पड़ोस के वातावरण से ही सीखता समझता है। बच्चे का परिवार ही पहली पाठशाला होती है सबसे ज्यादा बच्चा अपने घर पर ही सीखता है। माता-पिता एवं परिवार के लोग ही उनके प्रथम गुरु होते हैं; इसलिए बच्चों को पुस्तकीय शिक्षा के साथ के साथ-साथ संस्कार, अनुशासन एवं नैतिक शिक्षा बहुत ज्यादा जरूरी हो जाती है।
सपा नेता ने दरोगा को दी बिल्ला नोचने की धमकी
कानपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के दौरान भारतीय जनता पार्टी के नव निर्मित कार्यालय के लोकार्पण के समय समाजवादी पार्टी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष व वार्ड 45 से पार्षद अर्पित यादव का पुलिस से नोकझोंक का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमे अपने अन्य साथी के साथ मिलकर शासन की नीतियों के विरूद्ध बैनर लगा कर दुष्प्रचार करने का काम किया गया। जब पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो जिसमें वह दारोगा को धमकी दे रहे हैं, तुम हमारा पोस्टर हटाओगे तो हम तुम्हारा बिल्ला नोचेंगे। इस पर थाना बर्रा पुलिस ने अर्पित यादव के खिलाफ 147, 332 धारा में मुकदमा लिखकर उसका धारा 151/107/116 सीआरपीसी में चालान कर दिया है।
Read More »डाकघरों से भी होगी रेलवे टिकट की बुकिंग
पहल : अब डाकघरों से भी होगी रेलवे टिकट की बुकिंग, वाराणसी डाक परिक्षेत्र के 1699 डाकघरों से मिलेगी सेवा
मॉडल ब्लॉक सेवापुरी में डाक मेले का पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने किया शुभारम्भ, खुले 3000 सुकन्या समृद्धि खाते
वाराणसी। डाकघरों में जनसामान्य की सुविधा के लिए तमाम सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में अब डाकघरों से रेलवे टिकट की बुकिंग भी हो सकेगी। इसके लिए लोगों को रेलवे स्टेशन या आरक्षण केंद्र तक जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी, बल्कि अपने नजदीकी डाकघर से रेल टिकट बुक करा सकेंगे। विभागीय डाकघरों के साथ-साथ गाँवों में स्थित शाखा डाकघरों में भी यह सेवा उपलब्ध होगी।