करहल, मैनपुरीःपुष्पेन्द्र मिश्रा। क्षेत्राधिकारी कार्यालय के सामने जल भराव होने की शिकायत अधिवक्ताओं ने उपजिलाधिकारी से की।
बताते चलें कि पानी बरसने के बाद करहल तहसील परिसर के अंदर बने क्षेत्राधिकारी कार्यालय के सामने जल भराव हो गया है ।
जल भराव की समस्या को लेकर आज अधिवक्ताओं ने एक जुट होकर मोर्चा खोल दिया और उपजिलाधिकारी से मुलाकात की और समस्या के बारे में अवगत कराया ।
इस दौरान अखिलेश सक्सेना, रविंद्र सिंह, हरिओम दुबे, मनोज यादव, सुरेंद्र शुक्ला, प्रदीप, प्रकाश चंद आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।
विचार, व्यवहार और आचरण में मर्यादा के कायल थे चंद्रशेखर : उपराष्ट्रपति
New Delhi: उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि “आज जब सिद्धांतनिष्ठ राजनीति का चिंतनीय ह्रास हो रहा है, मुझे विश्वास है कि युवा पीढ़ी के राजनेता और सांसद, चंद्रशेखर जी के जीवन से प्रेरणा लेंगे।” उन्होंने बल देते हुए कहा कि ” आज यह आवश्यक है कि लोग ऐसे व्यक्तित्व और कृतित्व से प्ररेणा लें जिसने बदलती राजनीति में भी अपने राजनैतिक विचारों, विश्वासों, सिद्धांतों का समझौता नहीं किया।”
आज संसद परिसर स्थित बालयोगी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में राज्य सभा के उपसभापति श्री हरिवंश तथा श्री रवि दत्त वाजपेई द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री श्री चंद्रशेखर जी पर लिखी पुस्तक ” Chandra Shekhar- The Last Icon of Ideological Politics” की पहली प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से साभार स्वीकार करते हुए, राज्यसभा के सभापति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि “मेरे लिए और राज्य सभा के प्रत्येक सदस्य के लिए यह गौरव और हर्ष का विषय है कि चंद्रशेखर जी ने, 1962 में, 35 साल की युवा आयु में ही अपना संसदीय कैरियर, वरिष्ठों के सदन, राज्य सभा से प्रारंभ किया।”
उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सामान्य परिवार में जन्मे एक ऐसे लोकप्रिय राष्ट्रीय जननेता का जीवन वृत्त है जिसके पास न कोई वंशानुगत राजनैतिक पृष्ठभूमि थी, न विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के अवसर, न समृद्ध वंश के संसाधन और न ही वर्ग, जाति, धर्म पर आधारित वोट बैंक। चंद्रशेखर जी के राजनैतिक आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि “चंद्रशेखर जी हमेशा मानते थे कि राजनीति हाशिए पर खड़ी जनता की सेवा का माध्यम है, सिर्फ सत्ता मात्र प्राप्त करने का साधन नहीं।”
उपराष्ट्रपति ने श्री चन्द्रशेखर द्वारा स्थापित संसदीय आचरण के उच्च मानदंडों की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि चंद्रशेखर जी सदैव विचार, व्यवहार और आचरण में मर्यादा के कायल रहे। वरिष्ठों और सहयोगियों के प्रति आदर, कनिष्ठों के प्रति स्नेहिल सद्भाव, आचरण में मर्यादित सौम्यता और बराबरी का व्यवहार, चंद्रशेखर जी की जीवन शैली की नैसर्गिक प्रवृत्ति रहे। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर जी न केवल आदर्शों और विचारधारा पर आधारित राजनीति के हिमायती थे, उन्होंने विचार के साथ आचार और आचरण की मर्यादा का सदैव पालन किया।
आपातकाल के दौरान हुए अधिकारों के हनन की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने उस अवधि में श्री चंद्रशेखर की महत्वपूर्ण भूमिका का ज़िक्र किया। उन्होंने याद दिलाया कि व्यक्ति – परस्त तानाशाही के विरूद्ध जेल जाने वाले महत्वपूर्ण नेताओं में चंद्रशेखर भी थे जो उस समय सत्ताधारी दल में ही थे।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने चन्द्रशेखर जी की कन्याकुमारी से राजघाट तक की पदयात्रा का ज़िक्र करते हुए कहा कि चन्द्रशेखर सदैव आम आदमी की ज़मीनी सरोकारों से जुड़े रहे।
चित्रकला प्रतियोगिता के माध्यम से दिया जल संरक्षण का संदेश
हाथरस। मथुरा रोड स्थित लाॅर्ड कृष्णा पब्लिक स्कूल में चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई गई। डायरेक्टर देवेंद्र उपाध्याय व प्रधानाचार्य अरुण शर्मा ने संयुक्त रूप से आजाद के छवि चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए। डायरेक्टर देवेंद्र उपाध्याय ने कहा कि आजाद का चरित्र अनुकरणीय एवं वंदनीय है। प्रधानाचार्य अरुण शर्मा ने कहा कि आजाद का मूंछों पर ताव देते हुए जो फोटो उपलब्ध है, वह मास्टर रुद्रनारायण ने बनाया था। उनकी देशभक्ति, तप और त्याग को आत्मसात् करने की महती आवश्यकता है। समय के साथ मूल्यों में भी परिवर्तन आता है। आज जल संरक्षण की विशेष आवश्यकता है, जल है तो जीवन है। आजाद की जयंती के परिप्रेक्ष्य में जल संरक्षण का सार्थक संदेश देने के लिए चित्रकला प्रतियोगिता हुई। जिसमें बच्चों ने ‘जल बचाओ, जीवन बचाओ‘, ‘जल है तो कल है,‘ का संदेश प्रेषित किया। उन्होंने आकर्षक ढंग से स्लोगन एवं पोस्टर बनाकर आने वाले कल को संवारने का आव्हान किया। ड्राॅइंग शिक्षिका लक्ष्मी शर्मा ने बच्चों का मार्गदर्शन किया। बच्चों ने अपने पोस्टरों के माध्यम से यह संदेश दिया कि मनुष्य जैसे-जैसे शिक्षित हुआ है, वह जल का अपव्यय और विदोहन बढ़ाता जा रहा है, जो स्वहित एवं जनहित में उचित नहीं है। पृथ्वी बचाओ, प्रकृति बचाओ और जल बचाओ की मुहिम को बच्चों ने अपनी चित्रकला के माध्यम से बल प्रदान किया।
Read More »षडयंत्र के तहत चन्द्रशेखर आजाद को इतिहास से गायब कर दिया-अभिषेक रंजन
हाथरस। महान क्रांतिकारी अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर हिंदू जागरण मंच छात्राओं द्वारा कामरेड भगवानदास मार्ग स्थित आर्य समाज मुरसान द्वार में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मंचासीन अतिथियों में हिंदू जागरण मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक रंजन आर्य, वीरांगना वाहिनी की प्रदेश मंत्री श्रीमती आशा ठाकुर, हिंदू जागरण मंच के जिला अध्यक्ष संदीप शर्मा, विभाग संयोजक संजय सिंहा, महामंत्री नरेंद्र प्रेमी, युवा वाहिनी जिलाध्यक्ष मयंक ठाकुर मौजूद थे। कार्यक्रम का शुभारंभ चंद्रशेखर आजाद के छवि चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पण कर किया गया। मंचासीन अतिथियों व कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिंदू जागरण मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक रंजन आर्य ने कहा कि आजादी के बाद अंग्रेजों के चाटुकारों ने सत्ता में आने के बाद आजादी का सारा श्रेय गांधीजी के चरखे को दे दिया और चंद्रशेखर आजाद जैसे महान क्रांतिकारियों को षडयंत्र के तहत स्कूल की किताबों व इतिहास से गायब कर दिया। आजादी का सारा श्रेय गांधी व नेहरू को दे दिया गया। यह चंद्रशेखर आजाद जैसे महान क्रांतिकारियों का अपमान है। हिंदू जागरण मंच के जिला महामंत्री नरेन्द्र प्रेमी ने कहा कि आज के युवाओं को चंद्रशेखर आजाद के बलिदान और योगदान को बताने के लिए हिंदू जागरण मंच से चंद्रशेखर आजाद की जयंती को मनाता है। सभी युवाओं को चंद्रशेखर आजाद की देश भक्ति को अपनाना चाहिए।
विद्युत कटौती, पेयजल व प्रधानाचार्य के खिलाफ छात्रों में आक्रोश
सिकंद्राराऊ। कासगंज रोड स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र आज सुबह बिजली कटौती, पेयजल समस्या एवं गंदगी व प्रधानाचार्य के स्थानांतरण की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए और जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। छात्रों ने कासगंज बरेली मार्ग पर दो घंटे तक जाम भी लगाया। सूचना पर उपजिलाधिकारी एवं कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई। उपजिलाधिकारी रामजी मिश्र के आश्वासन के बाद छात्रों का गुस्सा शांत हुआ।
जानकारी के अनुसार दो दिन से पड रही भीषण गर्मी में पूरी पूरी रात विद्युत कटौती से जनमानस कराह उठा है। ऐसी भीषण गर्मी में स्कूली छात्र 21 दिन से बिजली कटौती झेल रहे हैं। पेयजल की कोई व्यवस्था नही है, विद्यालय परिसर में गंदगी का साम्राज्य है। इन्ही समस्याओ को लेकर आज सुबह छात्रों का गुस्सा फूट गया और उन्होंने कासगंज बरेली मार्ग पर बैठकर जाम कर दिया तथा जमकर हंगामा काटा। छात्रों ने प्रधानाचार्य पर अवैध वसूली एवं विद्यालय में दूषित खाना मिलने व गंदगी का अंबार होने आरोप लगाया है। छात्रों की समस्या का प्रधानाचार्य द्वारा कोई समाधान नही किया जा रहा। छात्रों में प्रधानाचार्य के प्रति रोष पनपा हुआ था और छात्र प्रधानाचार्य के ट्रांसफर की मांग करने लगे।
छात्रों ने कासगंज मार्ग को 2 घण्टे के लिए अवरुद्ध कर दिया और जमकर प्रधानाचार्य के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों द्वारा सड़क पर उतरने से कासगंज रोड पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। वाहनों में यात्रा कर रहे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
शहीद स्मारक का निर्माण एसडीएम ने रूकवाया
एसडीएम व परिजनों में तीखी नोंकझोंकःग्रामीण धरना पर बैठे
हाथरस। झारखण्ड में नक्सलियों से मुठभेड के दौरान शहीद हुए हाथरस के मदनपाल सिंह की शहादत के बाद शहीद स्मारक का निर्माण प्रशासन द्वारा न कराये जाने पर शहीद के परिजनों द्वारा शहीद स्मारक का निर्माण कार्य कराये जाने पर कार्य को आज एसडीएम सदर द्वारा रूकवा दिये जाने से शहीद के परिजन व गांव के लोग भडक गये और एसडीएम से तीखी नोंकझोंक होने के बाद शहीद के परिजन व ग्रामीण अम्बेडकर पार्क में धरना पर बैठ गये जबकि इस दौरान शहीद की पत्नी की तबियत बिगड गई और उसे अस्पताल भिजवाया गया। मामले की सूचना पाकर मौके पर एडीएम व एएसपी दलबल के साथ पहुंच गये और लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया तथा शहीद स्मारक निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने का आश्वासन दिया।
उल्लेखनीय है कि अलीगढ रोड स्थित गांव तमना गढी निवासी व सीआरपीएफ में एसआई के पद पर तैनात मदनपाल सिंह सीआरपीएफ की बटालियन झारखण्ड में तैनात थे और गत दिनों गश्त के दौरान नक्सलियों से मुठभेड के दौरान वह शहीद हो गये थे और उनका पार्थिव शव आने पर उनके अंतिम दर्शनों के लिए जहां हजारों की भीड उमड पडी थी वहीं प्रदेश के राज्यमंत्री उपेन्द्र तिवारी, जिले के सभी विधायक के अलावा जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान व आदि अधिकारी अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे और परिजनों को शहीद स्मारक बनवाये जाने का आश्वासन दिया था। शहीद मदनपाल सिंह का अंतिम दाह संस्कार मण्डी समिति के पीछे नगला अलगर्जी रोड स्थित चारागाह की जमीन पर किया गया था।
लाभार्थियों के प्रकरण जल्द करे निस्तारित: डीएम
कानपुर देहात। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मुख्यमंत्री किसान एंव सर्वहित बीमा योजना के अन्तर्गत समीक्षा बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि निस्तारित आवेदन पत्रो की पुनः जांच कर आख्या प्रस्तुत की जाये । कोई भी पात्र लाभ पाने से वंचित न रहे। जांच की कार्यवाही सही एंव गुणात्मक सुनिश्चित की जाये।
बैठक में जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री किसान एंव सर्वहित बीमा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में कुल पंजीकृत दावों की संख्या 249 के सापेक्ष निरस्त दावों की संख्या 66 तथा लंबित दावों की संख्या 66 है। उन्होंने कहा कि पात्र लाभार्थियों को मुख्यमंत्री किसान एंव सर्वहित बीमा योजना के अन्तर्गत उन्हे लाभांवति किया जाये। जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि मुख्यमंत्री किसान एंव सर्वहित बीमा योजना के अन्तर्गत प्रकरणों को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुये अन्य निरस्त प्रकरणों पर पुनः विचार कर जांच करने के निर्देश दिये तथा यह भी कहा कि यदि जांच में प्रकरण सही पाया जाये तो संबंधित लाभार्थी को तत्काल नियमानुसार धनराशि उपलब्ध कराई जाये। उन्होनें यह भी कहा कि किसी भी गरीब पात्र का हक मारने का किसी को भी अधिकार नही है। जिलाधिकारी ने कहा कि आवेदन पत्रों आदि के संबंध में प्रत्येक माह बैठक कराने के भी कड़े निर्देश दिये। उन्होनें कहा कि पात्र को लाभ मिलना चाहिए। शिकायत मिलने पर संबंधित बीमा कम्पनी के खिलाफ कार्यवाही भी की जाये। उन्होनें कहा कि बीमा कम्पनियां कार्य प्रणाली में सुधार लाये तथा मुख्यमंत्री किसान एंव सर्वहित बीमा योजना के अन्तर्गत यदि निस्तारण की कार्यवाही गलत पायी गई तो संबंधित बीमा कम्पनी के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उन्होनें निर्देशित करते हुये कहा कि इस कार्य को सर्वोच्य प्राथमिकता के आधार पर आने वाले आवेदन पत्रों की संबंधित विभागों द्वारा भी सही जांच कराकर पात्र को लाभान्वित किया जाये।
नए संक्रमण एवं लिवर की बीमारी रोकने के लिए नियमित जाँच जरूरीःडाॅ. वीके मिश्रा
कानपुरः स्वप्निल तिवारी। नए संक्रमण एवं लिवर की बीमारी रोकने के लिए हेपेटाईटिस की समय पर जांच व देखभाल की जागरूकता को बढाने के लिए वल्र्ड हैपेटाईटिस डे से पूर्व स्वरूप नगर स्थित गैस्ट्रोलिवर हास्पिटल में डा. वी. के मिश्रा द्वारा एक वार्ता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उन्होने बताया कि पांच करोड भारतीय हैपेटाईटिस बी से क्रोनिक रूप से संक्रमित है और 12 से 18 करोड लोगो को हेपेटाइटिस सी है। उन्होने यह भी कहा कि यदि हेपेटाईटिस बी वं सी का समय पर इलाज न किया जाये तो यह जानलेवा बीमारियां जैसे लिवर की क्रोनिक बीमारी साईरोसिस और लिवर कैंसर तक कर सकती है, इस लिए इसकी जागरूकता और इसपर नियंत्रण जरूरी है डा0 वीके मिश्रा नेक हा हेपेटाइटिस बीस और सी संक्रमण से पीडित लोगो के लिए आवश्यक है कि वो दवाईया बिल्कुल परामर्श के अनुरूप ले। ऐसा न करने पर वायरस एंटीवायरल दवाईयों के प्रति रजिस्ट्रैस विकसित कर लेता है साथ ही दवाई समय से पहले बंद के वायरल लोड एवं लिवर एंजाईम में वृद्धि हो सकती है, जिससे लिवर खराब हो सकता है और अन्य गंभीर समस्याये भी हो सकती है। इसीलिए एचबीवी और एचसीवी से पीडित मरीजों को हैल्थकेयर प्रोफेशनल द्वारा नियमित तौर पर निरीक्षण करवाना चाहिये ताकि बीमारी को ठीक से नियंत्रित किया जा सके। उन्होेन बताया एक्यूट एचबीवी एवं एचसीवी संक्रमणों के ज्यादातर मामले एंसिपटोमेटिक होते है। कुछ मरीजो में लक्षण कई हफ्तो तक दिखाई देते है, कुछ की त्वचा व आखों पीली पड जाती है व गहरे रंग की मूत्र, अत्याधिक थकावट, बेहाशी, उल्टी एवं पेट दर्द की शिकायत होती है। 6 साल से कम आयु के बच्चे, जिन्हे हैपेटाईटिस वायरस का संक्रमण होता है उन्हे क्रोनिक संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। व्यस्कों के रूप में संक्रमित होने वाले 5 प्रतिशत से कम लोगों को क्रेानिक संक्रमण होता है और क्रोनिक संक्रमण वाले 20 से 30 प्रतिशत व्यस्कों का साईरोसिस या लिवर कैंसर हो जाता है। बताया ये दो वायरस संक्रमित खून या वायरस से पीडित व्यक्ति के शरीर के अन्य द्रव्यों के संपर्क में आने से फेलते है। यह यौन, संसर्ग, संक्रमित सुई या सिरिंज, संक्रमित इन्वेसिव मेडिकल उपकरणों के उपयोग या माता-पिता से वर्टिकल ट्रांमिशन द्वारा फैल सकता है लैल्थकेयर वर्कर को सबसे ज्यादा जोखिम होता है क्योंकि वो मरीजो या संक्रमित सामग्री के लगातार संपर्क में रहते है।
Read More »निजीकरण की ओर बढ़ते सरकारी संस्थान…
सरकारी विभागों के निजीकरण की बात आते ही हम भड़क जाते हैं फिर चाहे वह एयर इंडिया की हो या आजकल रेलवे के निजीकरण को लेकर जो विवाद चल रहा है। निजीकरण क्यों हो रहा है कोई इस बात पर विचार करना ही नहीं चाहता। सरकार व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं ला पा रही है और जिसका आसान विकल्प निजीकरण के रूप में अपना रही है। पहली वजह तो यही है कि अधिकारी वर्ग भ्रष्ट है। वो काम करना ही नहीं चाहते। सुबह 9 से शाम 6 बजे तक की हाजिरी वाली ड्यूटी पूरी कर अपना दिन पूरा कर अपनी तन्ख्वाह जमा करते हैं। ये काम के प्रति जिम्मेदारी निभाना ही नहीं चाहते। आम आदमी इनकी अकर्मण्यता से त्रसित हो रहा है, हालांकि निजीकरण के बारे में ऐसा तर्क दिया जा रहा है कि यह सिर्फ विशुद्ध मुनाफाखोरी वाली नीति है क्योंकि सुविधाएं तो बढ़ती नहीं लेकिन हर चीज पर अलग से भुगतान का भार बढ़ जाता है।
दूसरी बात रोजगार पर आती है। निजीकरण द्वारा नौकरियां सीमित कर दी जाती है और अनावश्यक लोगों और खर्चों पर नियंत्रण कर लिया जाता है लेकिन निजीकरण के जरिए एक बात देखी जाती है कि जिस काम को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं वह तयशुदा समय सीमा में पूरी हो जाती है। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार बहुत फैला हुआ है। मुफ्तखोरी, घूसखोरी, सामानों की चोरी लाइलाज बीमारी बन कर रह गयी है। अकर्मण्यता इस हद तक बढ़ गई है कि लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पाती है और उनकी तकलीफों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। टैक्स भरने के बाद भी आमजन की जेब पर बोझ तो पड़ता ही है। निजीकरण द्वारा इन बातों पर लगाम लग जाती है।
इन बातों पर गौर करने के बाद एक बात सवाल उठता है कि सरकार द्वारा दी गई सेवाओं का लाभ अगर जनता सही ढंग से इस्तेमाल करें तो किसी भी विभाग के निजीकरण की समस्या नहीं आएगी। हम खुद जिम्मेदार हैं निजीकरण व्यवस्था को प्रोत्साहित करने में। आज सरकारी बसें चल रही है जो काफी अच्छी सुविधाएं देती है लेकिन जनता प्राइवेट बस में दुगना भुगतान करके उसमें जाना पसंद करती है। जनता द्वारा सरकारी सुविधाओं के इस्तेमाल से सरकार का राजस्व तो बढ़ेगा ही साथ में जनता की सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा। सरकार को भुगतान करके हम देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बना सकते हैं। कुछ सरकारी विभागों की बात छोड़ दें तो कई जगहों पर सुधार भी हुआ है लेकिन इसमें जनता का सहयोग अपेक्षित है। भ्रष्टाचार और अकर्मण्यता के चलते निजीकरण को बढ़ावा मिल रहा हैं। हम विदेशों में जनता को मिल रही सुविधाओं की बात तो करते हैं लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं देते कि वहाँ के लोग भी नियमों का पालन करते हैं। यहाँ जनता ऐसी है ट्रेन में चेन से बंधा मग्गा चुरा कर ले जाते हैं। टू टायर में मिलने वाली नैपकिन, चादर तक चुरा लेते हैं और कोच में ही गंदगी फैलाते हैं।
पालिका प्रशासन की लापरवाही के चलते खुले मैन हाॅल में गिरी छात्रा
हाथरस। मुम्बई में दो वर्षीय मासूम दिव्यांश के घर के सामने गटर में गिर जाने की घटना के बाद ऐसी ही एक घटना आज शहर के लाला के नगला में नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही के चलते एक अनहोनी होने से बाल-बाल बच गई और एक कक्षा 8 की छात्रा के खुले गटर में गिर जाने पर क्षेत्रीय लोगों द्वारा उसे तत्काल निकाल लिया गया।
जानकारी के मुताबिक लाला का नगला स्थित इंदिरा गांधी जूनियर हाईस्कूल में पढने वाली कक्षा 8 की छात्रा लक्ष्मी स्कूल के सामने ही खुले पडे गटर के मैन हाॅल में स्कूल छुट्टी के बाद घर जाते वक्त गिर गई लेकिन गनीमत रही कि छात्रा को क्षेत्रीय लोगों ने देख लिया और मौके पर लोग दौड पडे और छात्रा को गटर में से ऊपर खींच लिया। वरना एक बडी अनहोनी आज घटित हो जाती। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि उक्त क्षेत्र में गटर के कई मैन हाॅल खुले पडे हैं जिनमें आयेदिन छोटे-छोटे स्कूली बच्चे गिरने से बाल-बाल बचे हैं जबकि कुछ दिनों पूर्व रात के वक्त एक महिला अपने बच्चे को गोद में लेकर जा रही थी वह भी उक्त गटर में गिर गई थी जिसे क्षेत्रीय लोगों ने बचाया था।