Tuesday, April 22, 2025
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डाॅ0 शिप्रा श्रीवास्तव को शिक्षक सम्मान से नवाजा गया

कानपुरः जन सामना ब्यूरो। दि इंटरनेशनल एसोसिएशन आॅफ लाॅयन्स क्लब, कानपुर अलंकृत, मण्डल 321-बी 2 के द्वारा गुरु दक्षिणा कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षक दिवस पर सम्मान समारोह (5 सितम्बर 2020) आयोजित किया गया। इस मौके पर क्राइस्ट चर्च डिग्री कालेज की प्रोफेसर डाॅ0 शिप्रा श्रीवास्तव को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये ला. राजीव शुक्ला के करकमलों द्वारा अंगवस्त्र व सम्मानपत्र भेंट कर शिक्षक सम्मान से क्राइस्ट चर्च कालेज परिसर में नवाजा गया। बताया गया कि कोविड-19 जैसी प्रतिकूल परिस्थिति होने के चलते आयोजकों के द्वारा अन्य कई शिक्षकों को उनके घर पर ही सम्मानित किया। इस मौके पर संस्था के राजीव शुक्ला, डाॅ0 नलिन श्रीवास्तव, डाॅ0 संगीता, डाॅ0 सूफिया सहित अन्य गणमान्यजन मौजूद रहे। 

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रसूलाबाद क्षेत्र में 17 कोरोना मरीज पाए जाने से हड़कम्प

अब तक 77  मरीजो में 40 स्वस्थ होकर घरों को वापस आये
रसूलाबाद/कानपुर देहात, संतोष गुप्ता। प्रदेश में तेजी के साथ बढ़ रहे कोरोनो के मरीजो की संख्या से अब स्थानीय प्रशासन ज्यादा चिंतित देखा जा रहा है। कोरोना से बचाव के उपायो के प्रति ग्रामीण क्षेत्र की जनता की घोर लापरवाही के कारण अब कोरोना ने रसूलाबाद के ग्रामीण क्षेत्रो को तेजी के साथ अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। शनिवार आई रिपोर्ट में 17 लोगो के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से स्थानीय प्रशासन में एक दम हड़कम्प मच गया आनन फानन परगनाधिकारी अंजू वर्मा ने उन ग्रामो में कंटेन्मेंट जोन बनाकर बैरिकेटिंग की व्यवस्थाएं कराकर आवागमन के रास्ते शील कराकर ग्रामो को सेनेटाइज करानेके निर्देश खण्ड विकास अधिकारी रसूलाबाद को दिए है।

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कोविड संक्रमण से बचाव एवं उसके रोकथाम हेतु बैठक में हुई चर्चा

कानपुर। अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा उ0प्र0 शासन रजनीश दुबे की अध्यक्षता में तथा अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास आलोक कुमार प्रथम, डाॅ आर0 के0 सिंह की उपस्थिति में तीन सदस्यीय टीम की कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में कोविड संक्रमण बचाव एवं उसके रोकथाम हेतु बैठक सम्पन्न हुयी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा ने जनपद में बनाये गये कन्टेनमेन्ट जोन को व्यवस्थित रुप से करते हुये लोगों को मास्क लगाये जाने सहित कोविड प्रोटोकाल का पालन कड़ाई से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कन्टेनमेन्ट जोन में सेनेटाइजेशन घर-घर कराये जाने के निर्देश अपर नगर आयुक्त को दिये।
उन्होंने निर्देशित किया कि कोविड मरीजो बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराये जाने हेतु एल-2 के प्राइवेट अस्पतालों में चिकित्सकों, संसाधनों को बढ़ाते हुये बेहतर व्यवस्था करायी जाये। उन्होंने प्राइवेट नान कोविड अस्पतालों में फ्लू कार्नर में भर्ती मरीजों को ट्रैक करते हुये जिनमें कोविड-19 से संबंधित लक्षण पाये जाते हैं तो उन मरीजों को कोविड अस्पतालों में भर्ती कराये जाने के निर्देश दिये तथा अस्पतालों का निरीक्षण कराये जाने हेतु भीे निर्देशित किया।

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शिक्षक दिवस पर डीएम ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 21 शिक्षकों को किया सम्मानित

डीएम ने शिक्षकों को परिवेश बदलने की दी नसीहत
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी डा0 दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शिक्षक सम्मान दिवस कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेसिंग का पालन किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी द्वारा जनपद के 21 शिक्षक/शिक्षिकाओं को प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
जिलाधिकारी डा0 दिनेश चन्द्र ने शिक्षक दिवस सम्मान समारोह के दौरान शिक्षक गुरू सर्वपल्लीराधाकृष्णन के चित्र पर माल्र्यापण व दीप प्रज्जवलित किया। वहीं शिक्षकों ने गुरू वन्दना की। इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि गुरू से बढ़कर कुछ नही है।

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असहाय मूक-बधिर दिव्यांग बच्चों की कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी हेतु करायें पंजीयन

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जनपद कानपुर देहात के समस्त दिव्यांगजनों को जानकारी देते हुए जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी गिरिजा शंकर सरोज ने बताया कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा निर्धन एवं असहाय मूक-बधिर दिव्यांग बच्चों की काॅक्लियर इम्प्लाण्ट सर्जरी कराये जाने की ब्यवस्था है।
उन्होंने जनपद के निर्धन एवं असहाय मूक-बधिर दिव्यांगजन जिनकी उम्र अधिकतम 06 साल व उनके अभिवावक की वार्षिक आय बी0पी0एल0 श्रेणी की आय सीमा से दोगुनी होगी, उक्त योजनान्र्तगत पात्र होंगे। ऐसे मूक-बधिर दिव्यांगजन अपने दिव्यांगता प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र के साथ जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी कार्यालय कमरा न0 105 विकास भवन, माती, कानपुर देहात में किसी भी कार्य दिवस में आकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

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रतनपुर गांव नदी में अज्ञात बहता हुआ शव मिला

रसूलाबाद/कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। रसूलाबाद कोतवाली क्षेत्र के रतनपुर गांव के सामने नदी में एक अज्ञात बहता हुआ शव जा रहा था जिसे देख ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकाल कर देखा तो शव 12 से 13 साल के एक बच्चे का ज्ञात हो रहा था। पुलिस ने बताया शव बहुत पुराना लग रहा है और बीमारी से किसी तरीके से बच्चा खत्म हो गया होगा। जिसके चलते ग्रामीणों ने उसे नदी में जल प्रवाह कर दिया होगा। शव ज्यादा पुराना होने के वजह से शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

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प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, युवाओं को बना रही है आत्मनिर्भर

कानपुर नगर। राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवकों की बेरोजगारी की समस्या दूर करने और प्रदेश के हुनरमंद व कर्मठ युवाओं को अपने पैरो पर खड़ा करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की शुरूआत की है। इस योजना का मुख्य उदद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को अपना उद्योग शुरू कर स्वरोजगार स्थापित करने के लिए 25 लाख रू0 तक एवं सेवा क्षेत्र हेतु 10 लाख रू0 तक का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। इसमें राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान लाभार्थी को उपलब्ध कराया जाता है, जो कि उद्योग क्षेत्र हेतु अधिकतम रू0 6.20 लाख तथा सेवा क्षेत्र हेतु रु0 2.50 लाख तक देय होता है। जो उद्यम के दो वर्ष तक सफल संचालन के उपरान्त अनुदान में परिवर्तित हो जाता है।

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विवाहिता की मौत प्रताड़ना का ससुरालियों पर लगा आरोप

चन्दौली, दीपनारायण यादव। चन्दौली इलिया क्षेत्र के बेन गांव में निशा देवी 23 वर्षीय नामक एक विवाहिता के मौत का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया कि निशा यहां अपने माता पिता के घर रह रही थी, जिसका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि बेन गांव निवासी रामप्रवेश पासवान की पुत्री निशा का विवाह मार्च 2019 में अलीनगर थाना अंतर्गत तारनपुर गांव में सतवंत पासवान नामक युवक से हुआ था। आरोप लगाया गया कि विवाह के बाद ससुराल के लोग निशा को बराबर प्रताड़ित कर रहे थे जिसके चलते निशा मायके में रह रही थी। बीच में उसके पति द्वारा विदाई करा कर ले जाया गया, वहां जाने के बाद उसे फिर प्रताड़ित किया जाने लगा। हालत बिगड़ने पर जुलाई माह में ससुराल के लोगों ने उसे उसके मायके इलाज के लिए पहुंचा दिया, तभी से निशा का इलाज चल रहा था। इसी दौरान उसकी मौत हो गई। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर अंत्य परीक्षण के लिए जिला हॉस्पिटल भेज दिया।

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रंजिश के चलते युवक पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी

रसूलाबाद/कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। रसूलाबाद क्षेत्र के एक गांव में रंजिश के चलते एक युवक ने जिंदा जलाने के उद्देश्य से युवक पर पेट्रोल डालकर उस पर आग लगा दी जिससे वह झुलस गया मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल को सीएचसी में भर्ती कराया। घटना स्थल पर फारेंसिक टीम ने पहुँचकर घटना का निरीक्षण किया।
जनपद कानपुर देहात के रसूलाबाद कोतवाली क्षेत्र के खपरेमऊ गांव में शुक्रवार रात्रि को एक युवक लक्ष्मण पुत्र दयाराम अपने घर से बाहर लघुशंका करने के लिए उठा था तभी उसका आरोप है कि सामने रह रहे ताराचंद पुत्र कृपाराम व इनकी पत्नी ने उसके ऊपर पेट्रोल डाल दिया और उसको जिंदा जलाने के उद्देश्य से उसके ऊपर पेट्रोल डालकर उसके शरीर पर आग लगा दी।

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आजीवन शिक्षा को समर्पित रहे डा0 राधाकृष्णन

कोरोनाकाल में त्योहार और धार्मिक-सामाजिक आयोजन मर्यादित लोगों की उपस्थिति में आयोजित हो रहे हैं। ऐसे में लगता यही है कि इस साल शिक्षक दिवस भी शायद बंद स्कूलों और कालेजों के माहौल में विद्यार्थियों की प्रत्यक्ष उपस्थिति के बिना ही मनाया जाएगा। पर इससे गुरु-शिष्य के परस्पर के प्रेम और आदर में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। जिनके जन्मदिन पर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, उन डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन को वैसे तो लोग देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति के रूप में जानते हैं। परंतु उनकी असली पहचान अद्वितीय और आजीवन शिक्षक के रूप में है। जब वह देश के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए तो 1962 में उनके विद्यार्थी उनके जन्मदिन को मनाने का निवेदन ले कर उनके पास आए। तब डा0 राधाकृष्णन ने उनसे कहा कि अगर मेरा जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाओगे तो मुझे विशेष खुशी होगी और तभी से राधाकृष्णन का जन्मदिन 5 सितंबर देश के शिक्षकों के लिए समर्पित दिन बन गया।
5 सितंबर, 1888 के तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै से 40 किलोमीटर दूर गांव तिरुतानी में डा0 राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। पूर्वजों का गांव सर्वपल्ली था, जो उनका कुलनाम बना रहा। निम्न ब्राह्मण परिवार के इस बच्चे के तहसीलदार पिता पढ़ाने के बजाय उसे मंदिर का पुजारी बनाना चाहते थे। पर वह पढ़-लिख कर हिंदू दर्शनशास्त्र के महान विद्वान और उच्चकोटि के दार्शनिक बन गए। डा0 राधाकृष्णन की लगभग समस्त शिक्षा क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल-कालेज में हुई। शायद यही वजह थी कि बाद में उन्होंने ‘द हिंदू व्यू आफ लाइफ’ जैसे ग्रंथ की रचना की, जिसमें क्रिश्चियन मिशनरी शिक्षण संस्थाओं के मुक्त वातावरएा का बखान किया गया है। वैसे मिशनरी स्कूलों में हिंदू धर्म को निम्न धर्म के रूप में पढ़ाया जाता था। किशोर-युवा राधाकृष्णन के मन पर इसका गहरा असर पड़ा। इसलिउ उन्होंने ‘द हिंदू व्यू आफ लाइफ की रचना की थी।
1904 से 1908 के दौरान उन्होंने मद्रास यूनीवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद दर्शनशास्त्र के महापंडित के रूप में प्रख्यात हुए राधाकृष्णन कालेज समय से ही दर्शनशास्त्र विषय की ओर आकर्षित हुए थे। उनका एक चचेरा भाई दर्शनशास्त्र से स्नातक था। छुट्टियों में उसकी किताबें राधाकृष्णन को मिलीं तो परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रख कर मुफ्रत में मिली किताबों की वजह से उन्होंने दर्शनशास्त्र को ही उच्च शिक्षा का विषय बनाया। एमए की डिग्री के लिए उन्होंने ‘वेदांत का नीतिशास्त्र’ पर शोध निबंध लिखा था।

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